नई दिल्ली October 05, 2008
उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक चालू सीजन के लिए गन्ने का कोई समर्थन मूल्य तय नहीं किया है। वहीं राज्य के गुड़ और खांडसारी उद्योग ने 120 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर गन्ना खरीदना शुरू भी कर दिया है। पिछले सीजन में गुड़ निर्माताओं ने गन्ने की कीमत के तौर पर किसानों को केवल 60 से 70 रुपये प्रति क्विंटल ही अदा किए थे।
फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स, मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल कहते हैं, ‘गुड़ की कीमतों में काफी तेजी आई है और गुड़ निर्माता 125 रुपये प्रति क्विंटल तक अदा करने की स्थिति में हैं। अगले कुछ हफ्तों में जब गुड़ निर्माताओं का मुनाफा और बढ़ जाएगा तो वे 135 से 140 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भी खरीदने में सक्षम होगे। किसान भी गुड़ निर्माताओं को ही अपनी फसल बेचने को तरजीह देंगे क्योंकि यहां पर उनको नकद भुगतान होता है जबकि मिल से भुगतान में देरी होती है और कीमत भी कम ही मिलती है। पिछले दो सीजन में किसान मिलों के रवैये से बहुत निराश भी हुए हैं। ’ जहां तक गुड़ की कीमतों की बात है तो एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर में गुड़ की कीमतें 1,850 से 1,950 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं जबकि पिछले साल इसी दौरान यही कीमत 900 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस तरह से एक साल के दौरान गुड़ की कीमतों में दोगुने से भी ज्यादा का उछाल आया है। खंडेलवाल कहते हैं कि राज्य में इस साल गन्ने के बुआई क्षेत्र में कमी आई है जिसकी वजह से इस बार गन्ने के लिए मिलों और गुड़ निर्माताओं के बीच और ज्यादा खींचतान हो सकती है। प्रदेश में गन्ने के रकबे में 20 फीसदी की कमी आई है और किसान गन्ने को छोड़कर बेहतर मूल्य की आस में धान जैसी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। प्रदेश में चार चीनी मिलों का संचालन करने वाली कंपनी धामपुर शुगर मिल्स के प्रबंध निदेशक गौरव गोयल कहते हैं, ‘गुड़ की कीमतों में तेजी के चलते गन्ना किसान गुड़ बनाने वाली इकाइयों को अपनी फसल बेच रहे हैं। हम अक्टूबर के मध्य से गन्ना खरीद शुरू करेंगे। ’ उत्तर प्रदेश, देश का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है।
दूसरी ओर चीनी मिलें भी अधिक से अधिक गन्ना खरीदना चाहेंगी क्योंकि अक्टूबर 2007 से चीनी की कीमतों में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है और इस बार उत्पादन कम होने से कीमतें और बढ़ सकती हैं। ये मिलें 2007-08 सीजन वाली गलती नहीं दोहराना चाहेंगी, जब सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 125 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया था और जवाब में चीनी मिलों ने एक महीने तक गन्ने की खरीद ही नहीं की थी। (Business Bhaskar)
06 अक्तूबर 2008
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