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01 अक्तूबर 2008

सोयाबीन का 108 लाख टन उत्पादन

तिलहन के कमजोर उत्पादन से राहत सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के इस अनुमान से मिल सकती है कि देश में इस साल 14 लाख टन ज्यादा सोयाबीन उत्पादन हो सकता है। हालांकि सरकार ने सिर्फ 99 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान लगाया है। कई तिलहन फसलों का उत्पादन घटने से देश की आयात पर निर्भरता और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन सोपा ने चालू खरीफ सीजन में देश में सोयाबीन का उत्पादन 108 लाख टन होने की उम्मीद जताई है। जबकि पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने खरीफ उत्पादन के आरंभिक अनुमान में देश में सोयाबीन का उत्पादन एक करोड़ टन से एक लाख टन कम रहने की संभावना व्यक्त की थी।सोपा ने कृषि विभाग की सहायता से राज्यवार सर्वेक्षण करवा कर उत्पादन का अनुमान लगाया है। उत्पादन में बढ़ोतरी के प्रमुख कारणों में एक तो गत वर्ष के मुकाबले बुवाई क्षेत्रफल में करीब 6 लाख हैक्टेयर की बढ़ोतरी, दूसरा बुवाई से लेकर पकाई तक प्रमुख उत्पादक राज्यों में मौसम अनुकूल रहने के साथ ही समय से बुवाई होना है। सोपा द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सितंबर माह में हुई वर्षा से सोयाबीन का प्रति हैक्टेयर उत्पादन बढ़कर 1124 किलोग्राम हो गया है जबकि गत वर्ष प्रति हैक्टेयर उत्पादन 1070 किलोग्राम था। ऐसे में चालू वर्ष 2008 में देश में सोयाबीन का रिकार्ड उत्पादन 108.17 लाख टन होने की संभावना व्यक्त की गई है जबकि बीते वर्ष इसका उत्पादन 94.73 लाख टन का हुआ था।सोयाबीन उत्पादन में देश के अग्रणी राज्य मध्य प्रदेश में चालू खरीफ सीजन में 57 लाख टन उत्पादन की संभावना है जबकि बीते वर्ष यहां इसका उत्पादन 51 लाख टन का हुआ था। इसी तरह से महाराष्ट्र में इस बार 36 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है जबकि बीते वर्ष यहां 30 लाख टन का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar)

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