03 अप्रैल 2010
रबी मौसम का अनाज मंडियों में आने पर कम होगी मुद्रास्फीति: प्रणव
शिलांग: मुद्रास्फीति के लिए आपूर्ति दिक्कतों को जिम्मेदार ठहराते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि रबी फसल मंडियों में आने के बाद अनाज दालों के दाम नीचे आने की उम्मीद है। मुखर्जी ने कल शाम कहा कि जिंसों के उपलब्ध न होने के कारण मुद्रास्फीति बढी है। इसमें आपूर्ति की अड़चन एक बडी वजह है। उन्होंने कहा कदम उठा रहे हैं। रबी फसल के बाद खाद्य पदार्थों' की कीमतें कम होनी चाहिए। मुखर्जी ने कहा कि देश को 1।8 करोड़ टन दाल की जरूरत है जबकि उत्पादन सिर्फ 1.4 करोड़ टन होता है। लाख टन की कमी है इसलिए हमें इसका आयात करना पड़ता है। मुखर्जी ने कहा कम ऐसे देश हैं जो दालों का उत्पादन करते हैं और अंतरराष्ट्रीय कीमतें बहुत ऊंची हैं। यही हाल चीनी का है। करीब 90 लाख टन की कमी है। इसी प्रकार देश को करीब 20 लाख टन खाद्य तेल का आयात करना पड़ता है। मुद्रास्फीति फरवरी में 9.89 फीसद पर पहुंच गई जो पिछले 16 महीनों का उच्चतम स्तर था। मुख्य तौर पर आवश्यक खाद्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट में ईंधन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के कारण मंहगाई दर बढ़ी। 20 मार्च को समाप्त सप्ताह ह्मह्वाह के दौरान थोकमूल्य आधारित खाद्य मुदास्फीति बढ़कर 16। 35 फीसद हो गई (ई टी हिंदी)
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