02 अप्रैल 2010
जौ के दाम 10 फीसदी बढ़े
स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने से जौ की कीमतों में दस फीसदी तक की तेजी आई है। दरअसल स्टॉकिस्ट आगे की मांग को देखते हुए इसका स्टॉक कर रहे है। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी इसके मूल्यों में तेजी की संभावना है। राजस्थान की जयपुर मंडी में एक सप्ताह के दौरान जौ के दाम 750-775 रुपये से बढ़कर 825-850 प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश की दादरी मंडी में इस दौरान इसके दाम 80 रुपये बढ़कर 830-860 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। राजस्थान के जौ कारोबारी के। जी. झालानी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि आगे की मांग को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने इसकी खरीदारी बढ़ा दी है। इस वजह से इसके मूल्यों में करीब दस फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। इन दिनों राज्य की मंडियों में करीब 60-65 हजार बोरी (90 किलोग्राम) की सप्लाई हो रही है। कारोबारियों के अनुसार आने वाले दिनों में इसके मूल्यों में और तेजी के आसार हैं। झालानी के मुताबिक आगे माल्ट उद्योग की मांग बढ़ सकती है। ऐसे में इसकी कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हो सकता है। उधर इस बार भी जौ की पैदावार काफी है। कृषि मंत्रालय के दूसर अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2009-10 में 16 लाख टन जौ का उत्पादन होने की संभावना है, जबकि सरकार ने 15.5 लाख उत्पादन का लक्ष्य रखा था। सरकार द्वारा जौ न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बढ़ाने के कारण किसानों ने इसकी बुवाई अधिक की है। सरकार ने वर्ष 2009-10 के लिए जौ के एमएसपी को 630 रुपये से बढ़ाकर 750 रुपये प्रति `िंटल कर दिया है। बीते दिनों में सप्लाई के दबाव के चलते इसके दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य के करीब पहुंच गए थे। पिछले साल भी जौ की पैदावार अधिक थी। इस वजह से इसके दाम किसानों को कम मिले थे। कम दाम की दूसरी वजह निर्यात मांग में कमी आना भी था। दरअसल भारतीय जौ के अन्य जौ निर्यातक देशों के मुकाबले महंगा होने की वजह से इसकी मांग प्रभावित हुई थी। देश में जौ की पैदावार सबसे अधिक राजस्थान में की जाती है। इसके अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी जौ की खेती होती हैं। (बिज़नस भास्कर)
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