03 अप्रैल 2010
चीनी के साथ शीरे का भी उत्पादन बढ़ने का अनुमान
चालू सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ने के साथ शीरे का भी उत्पादन ज्यादा रहने का अनुमान है। शीर का उत्पादन बढ़ने के कारण मूल्य पर भी इसका दबाव महसूस किया जा रहा है। उधर शराब निर्माताओं की मांग कमजोर होने से पिछले एक सप्ताह में शीर की कीमतों में 25 से 40 रुपये की गिरावट आकर भाव 250 से 275 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र कीमिलों में अभी गन्ने की पेराई जारी है लेकिन चालू महीने के आखिर तक पेराई बंद हो जाएगी। तब तक तो शीर की कीमतों पर दबाव बना रहेगा लेकिन मई के बाद कीमतों में तेजी आने के आसार हैं।इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में देश में शीर का उत्पादन पिछले साल के 66 लाख टन से बढ़कर 75 लाख टन होने का अनुमान है। गत वर्ष देश में चीनी का उत्पादन मात्र 147 लाख टन रहा था जबकि चालू पेराई सीजन में उत्पादन बढ़कर 168.45 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि उद्योग सूत्रों का मानना है कि चीनी का उत्पादन 175-180 लाख टन तक पहुंच सकता है। महाराष्ट्र जो चीनी उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है, में शीर का उत्पादन 27 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 21.6 लाख टन, कर्नाटक में 9.45 लाख टन, तमिलनाडु में 5.62 लाख टन और आंध्र प्रदेश में 2.31 लाख टन होने का अनुमान है। ऑल इंडिया डिस्टीलरीज एसोसिएशन के महानिदेशक वी. एन. रैना ने बताया कि अभी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की मिलों में गन्ने की पेराई चल रही है और शराब निर्माताओं के पास शीर का स्टॉक भरपूर है इसलिए मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। चालू महीने के आखिर तक मिलों में पेराई बंद हो जाएगी, उसके बाद शीर की मौजूदा कीमतों में तेजी बननी शुरू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में गत सप्ताह शीर के दाम 300 रुपये प्रति क्विंटल थे जो गुरुवार को घटकर 275 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। महाराष्ट्र में भी इसके दाम घटकर 260 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उन्होंने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान से शीर का आयात हुआ था लेकिन इस साल पाकिस्तान से शीरा आयात करने पर भारत ने रोक लगा रखी है। परिवहन लागत ज्यादा आने के कारण ब्राजील से आयात संभव नहीं है। उधर पश्चिम बंगाल के दो-तीन शराब निर्माता बांग्लादेश से शीर का सीमित मात्रा में जरूर आयात करते हैं। शीर के कुल उत्पादन की 45 से 50 फीसदी खपत शराब उद्योग में होती है तथा करीब 25 फीसदी खपत केमिकल उद्योग में होती है। इसके अलावा करीब 15-20 फीसदी खपत एथनॉल में होती है। पशुआहार में इसकी खपत मात्र चार से पांच फीसदी ही होती है। मवाना शुगर लिमिटेड के बिजनेस हैड (एथनॉल) राजेश ढींगरा ने बताया कि जैसे ही चीनी मिलों में गन्ने की पेराई बंद होगी शीर के दाम बढ़ने शुरू हो जाएंगे। हालांकि आगामी वर्ष में देश में गन्ने की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। इसीलिए आगामी दिनों में शीर के दाम 300-350 रुपये प्रति क्विंटल के दायर में रहने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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