कोच्चि April 01, 2010
इंटरनैशनल पीपर कम्युनिटी (आईपीसी) ने सदस्य देशों की हालिया सूचनाओं के आधार पर काली मिर्च उत्पादन के अनुमान में बढ़ोतरी की है।
आईपीसी के मुताबिक 2009 में काली मिर्च (सफेद और काली) का कुल उत्पादन 338,000 टन रहेगा, जो 2008 में हुए उत्पादन की तुलना में करीब 2 प्रतिशत ज्यादा है। उत्पादन में यह मामूली बढ़ोतरी वियतनाम में उत्पादन बढ़ने की वजह से आई है।
मलेशिया में भी उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी हुई है। वहीं इंडोनेशिया, ब्राजील, श्रीलंका और चीन में उत्पादन में गिरावट की रिपोर्ट मिली है। भारत और अन्य छोटे उत्पादक देशों में होने वाले उत्पादन में 2009 में कोई बदलाव नहीं आया है।
काली मिर्च का उत्पादन 2008 में हुए 2,59,000 टन की तुलना में 2009 में बढ़कर 2,71,000 टन हो गया है। वियतनाम में उत्पादन में जोरदार बढ़ोतरी हुई है, जहां उत्पादन 80,000 टन से बढ़कर 1,00,000 टन हो गया है। मलेशिया में भी उत्पादन में 700 टन की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं ब्राजील, इंडोनेशिया, श्रीलंका और चीन में उत्पादन में करीब 8,700 टन की कमी आई है। भारत में करीब 50,000 टन उत्पादन हुआ है और अन्य छोटे उत्पादकों ने कुल मिलाकर 17,000 टन उत्पादन किया है, जो कमोबेश पिछले साल जितना ही है।
सफेद काली मिर्च का उत्पादन 6 प्रतिशत गिरा है। 2008 में जहां 71,800 टन उत्पादन हुआ था, वहीं 2009 में यह गिरकर 67,200 टन रह गया है। उत्पादन में यह गिरावट चीन में उत्पादन में कमी की वजह से आई है, जहां 2008 के 33,000 टन की तुलना में 2009 में 20,000 टन सफेद काली मिर्च का उत्पादन हुआ।
इंडोनेशिया में भी उत्पादन में 4,000 टन की कमी आई है, वहीं मलेशिया और इंडोनेशिया में उत्पादन कमोबेश स्थिर रहा। बहरहाल कुल मिलाक उत्पादन में बढ़ोतरी हुई, क्योंकि वियतनाम में उत्पादन 2008 के 10,000 टन से बढ़कर 2009 में 22,000 टन हो गया।
प्रमुख निर्यातक देशों ने 2009 में कुल 2,63,850 टन काली मिर्च का निर्यात किया, जो 2008 में हुए निर्यात की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा है। 2008 में कुल 2,36,490 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ था। निर्यात में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह वियतनाम के निर्यात में बढ़ोतरी है, जो इस मसाले का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, श्रीलंका और चीन से होने वाले निर्यात में कमी आई है। वहीं कम उत्पादन करने वाले देशों से होने वाला निर्यात कमोबेश पिछले साल जितना ही रहा। आईपीसी के आंकड़ों के मुताबिक 2009 में हुए 2,63,850 टन निर्यात में काले रंग वाली काली मिर्च का निर्यात 220,920 टन और सफेद रंग वाली काली मिर्च का निर्यात 42,930 टन रहा।
भारत, चीन, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे उत्पादक देशों ने भी 2009 में काली मिर्च का भारी भरकम आयात किया है, जिससे उनकी घरेलू मांग पूरी हो सके। इसमें मूल्य वर्धन, काली मिर्च के तेल, ओलियोरेसिन्स और ग्राउंड पीपर के फिर से निर्यात के लिए आयात हुआ।
2009 के दौरान उत्पादक देशों ने कुल 35,635 टन काली मिर्च का आयात किया, जबकि 2008 के दौरान इन देशों ने 23,500 टन आयात किया था। इस समूह में भारत सबसे बड़ा आयातक रहा, जिसने 2009 में करीब 14,000 टन काली मिर्च का आयात किया। वहीं वियतनाम ने 10,000 टन काली मिर्च का आयात किया।
आईपीसी के मुताबिक 2010 में काली मिर्च का बाजार साल के दौरान होने वाले उत्पादन पर निर्भर करेगा। आईपीसी के अनुमान के मुताबिक चालू साल में उत्पादन 2009 की तुलना में कम रहने का अनुमान है, जिससे बाजार में तेजी का रुख बना रहेगा।
कहती है आईपीसी की रिपोर्ट
2008 के मुकाबले 2009 में काली मिर्च का कुल उत्पादन 2 प्रतिशत बढ़कर हुआ 338,000 टन वियतनाम और मलेशिया में बढ़ा उत्पादन, लेकिन इंडोनेशिया, ब्राजील, श्रीलंका और चीन में उत्पादन में आई कमीप्रमुख निर्यातक देशों ने 2008 की तुलना में 2009 में 12 प्रतिशत ज्यादा निर्यात किया (बीएस हिंदी)
02 अप्रैल 2010
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