मुंबई April 01, 2010
महाराष्ट्र में गन्ने की पेराई की अवधि मई के मध्य तक के लिए बढ़ा दी गई है। चालू सत्र में कुल 142 मिलें पेराई कर रही हैं, जिसमें से 21 मिलें बंद हो गई हैं, जिनके इलाके में गन्ने की पेराई का काम पूरा हो गया है।
इस साल 31 मार्च 2010 तक करीब 538 लाख टन गन्ने की पेराई हुई है, जिससे जिससे 61.5 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल की समान अवधि में 39.8 लाख टन गन्ने की पेराई हुई थी, जिससे 45.6 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
राज्य सरकार और फेडरेशन आफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज ने अनुमान लगाया है कि इस साल 65 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा, जब मई के मध्य में पेराई का काम खत्म होगा।
फेडरेशन के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवारे ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'पेराई का काम मई के मध्य तक चलेगा, क्योंकि पुणे और सोलापुर की मिलों के पास पेराई के लिए पर्याप्त गन्ना है। यहां की मिलें चरणबध्द तरीके से पेराई का काम बंद करेंगी। उत्पादन 65 लाख टन रहने का अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है कि इस साल प्रति एकड़ उपज 10 टन हुई है।'
राज्य में इस समय चीनी की एक्स मिल कीमतें 2900 रुपये प्रति क्विंटल हैं। फेडरेशन के सूत्रों के मुताबिक 31 मार्च 2010 को पेराई सत्र खत्म होने के कुल 400 लाख टन गन्ने की पेराई होती, जिससे 45 लाख टन चीनी का उत्पादन होता। पिछले साल गन्ने की कमी होने की वजह से चीनी मिलों के पास पहले पेराई बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
2007-08 में चीनी मिलें मई तक चली थीं, और कुल 90 लाख टन उत्पादन हुआ था। इस दौरान केंद्र सरकार ने भी चीनी के उत्पादन का लक्ष्य बढ़ा दिया है और अनुमान के मुताबिक 2009-10 में कुल 180 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा, जो पिछले साल से 22 प्रतिशत ज्यादा होगा।
महाराष्ट्र शुगर ब्रोकर्स ऐंड मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश पांडे ने कहा- अगर सफेद चीनी के आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक नहीं लगाई गई तो देश के चीनी उद्योग के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा।
अनुमान से कहीं ज्यादा गन्ने का उत्पादन
70 फीसदी से ज्यादा मिलें मई मध्य तक चलेंगीमहाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 60 लाख टन से ज्यादा होने का अनुमानगन्ने की पैदावार में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़तकारोबारियों ने कच्ची चीनी के आयात पर तत्काल रोक लगाने की मांग की (बीएस हिंदी)
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