कुल पेज दृश्य

02 अप्रैल 2010

कारोबारियों को पसंद आ गई एनएसईएल की चांदी

मुंबई April 01, 2010
नैशनल स्पॉट एक्सचेंज में शुरू किया गया चांदी अनुबंध छोटे कारोबारियों की पहली पसंद बन गया है।
इसके पहले कोई ऐसा खरीदारी का प्लेटफॉर्म नहीं था, जहां से छोटे कारोबारी किसी चांदी उत्पादक कंपनी से सीधे तौर पर खरीद कर सके। कंपनी से सीधे खरीदारी करने का यह तरीका ग्राहकों को भी पसंद आ गया है यही वजह है कि हर दिन औसतन 500 किलो से 1 टन तक चांदी की खरीद छोटे ग्राहकों द्वारा की जा रही है।
दरअसल, भारत में चांदी की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड अपनी ज्यादातर चांदी नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) के जरिए बेचती है। एनएसईएल के माध्यम उपभोक्ता चांदी सीधे उत्पादक कंपनी से खरीद सकते हैं।
चांदी के ग्राहक,आभूषण निर्माता और उपभोक्ता एनएसईएल के माध्यम से न्यूनतम 30 किलो चांदी सीधे उत्पादक कंपनी से खरीद सकते हैं। इसके पहले इतनी मात्रा में चांदी खरीदने के लिए सरकारी एजेंसियों और बुलियन के व्यापारियों पर निर्भर रहना पड़ता था।
बैंक और सरकारी एजेंसियां चूंकि टन में चांदी बेचती हैं, जोकि छोटे कारोबारियों के लिए मुमकिन नहीं था। इसके अलावा उत्पादकों से छोटे ग्राहकों तक पहुंचने में चांदी के अनेक बिचौलियों के कारण कीमत हमेशा अधिक रहती थी।
नैशनल स्पॉट एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक अंजनी सिन्हा के अनुसार चांदी के इस अनुबंध के लांच करते समय हमको भी उम्मीद नहीं थी कि ग्राहकों के द्वारा इसको इतना पसंद किया जाएगा। 6 महीनों के अंदर कुल 36 टन चांदी की जयपुर और अहमदाबाद डिलिवरी केंद्र में बोली लग चुकी है। जिसमें से 10 टन अहमदाबाद से और 26 टन जयपुर से डिलिवरी हुई है।
जो अपने आप में किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है। गुजरात और राजस्थान के ग्राहक यहां रोजाना औसतन 500 किलो से 1 टन तक चांदी की खरीद करते हैं। सिन्हा के कहते हैं कि चूंकि हिंदुस्तान जिंक खुद चांदी उत्पादक कंपनी है, इसलिए ग्राहकों को आयातित चांदी से हिंदुस्तान जिंक की चांदी सस्ती मिलती है। (बीएस हिंदी)

कोई टिप्पणी नहीं: