01 फ़रवरी 2010
पैदावार में कमी की आशंका के बावजूद सरसों में सुस्ती
चालू रबी सीजन में देश में सरसों की पैदावार में कमी आने की आशंका के बावजूद कीमतों में गिरावट की ही संभावना है। सरसों की बुवाई में पिछले साल के मुकाबले 2.11 लाख हैक्टेयर की कमी आई है। लेकिन आयात में भारी बढ़ोतरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा बनी हुई है जबकि घरेलू मंडियों में सरसों का बकाया स्टॉक भी पिछले साल से ज्यादा है। 15 फरवरी के बाद उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की ही संभावना है।कृषि मंत्रालय के मुताबिक चालू सीजन में सरसों की बुवाई अभी तक मात्र 64.36 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 66.47 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। पिछले साल देश में सरसों का उत्पादन 73.68 लाख टन का हुआ था जबकि चालू सीजन में उत्पादन 62-63 लाख टन ही होने का अनुमान है। पिछले साल नई फसल के समय सरसों का मात्र दो-ढ़ाई लाख टन का ही स्टॉक बचा हुआ था लेकिन इस बार बकाया स्टॉक 10 से 12 लाख टन का है। इसलिए उत्पादन में कमी आने के बावजूद भी बकाया स्टॉक मिलाकर कुल उपलब्धता पिछले साल से ज्यादा ही बैठने की संभावना है।पिछले दो महीनों नवंबर-दिसंबर में ही घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के आयात में 18 फीसदी का इजाफा होकर कुल आयात 1,541,389 लाख टन का चुका है। पिछले तेल वर्ष में भी भारत में खाद्य तेलों का रिकार्ड 81 लाख टन से ज्यादा का आयात हुआ था। अत: आयात में भारी बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप ही घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा बनी हुई है। उधर अमेरिका, ब्राजील और अर्ज्ेटीना में सोयाबीन के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होने की संभावना से आयातित खाद्य तेलों के भाव काफी नीचे चल रहे हैं जिसका असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दामों पर देखा जा रहा है। कांडला पोर्ट पर क्रूड पाम तेल के दाम घटकर 340 रुपये और आरबीडी पामोलीन के भाव 370 रुपये प्रति दस किलो रह गए हैं जबकि घरेलू बाजार में सरसों तेल के दाम 460-480 रुपये प्रति दस किलो रह गए हैं।चालू महीने में घरेलू मंडियों में सरसों की कीमतों में करीब 17 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है। दिल्ली बाजार में कंडीशन (42 प्रतिशत तेल) की सरसों के भाव घटकर 2425-2450 रुपये और जयपुर में भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। हाजिर में आई गिरावट के असर से वायदा में भी पिछले पंद्रह दिनों में करीब 14 फीसदी दाम घटे हैं। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में शनिवार को सरसों के भाव घटकर 472 रुपये प्रति दस किलो रह गये जबकि 14 जनवरी को भाव 549 रुपये प्रति दस किलो थे। फरवरी महीने में सरसों की हाजिर कीमतों में और भी पांच-सात फीसदी का मंदा आने की संभावना है। चालू सीजन में केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले साल के 1830 रुपये प्रति क्विंटल के बराबर ही रखा है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)
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