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06 फ़रवरी 2010

उत्तर में रबी पैदावार गिरने का अंदेशा

सरकार भले ही रबी सीजन से उम्मीदें पाले बैठी हो, लेकिन यह सीजन भी फीके मानसून की मार से उबर नहीं पाया है। प्रमुख अनाज उत्पादन राज्य पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में रबी सीजन के दौरान पैदावार गिरने का अंदेशा बना हुआ है। राजस्थान में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिलने से खासकर गेहूं, जौ व सरसों की पैदावार 10 से 20 फीसदी तक कम रहने का अनुमान है। पंजाब और हरियाणा में गेहूं उत्पादन तकरीबन 10 लाख टन घटने के आसार हैं। इन दोनों राज्यों के कृषि विभागों ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट मंे रकबा घटने के चलते उत्पादन घटने की आशंका जताई है। इस साल केंद्रीय पूल मंे इन राज्यों से गेहूं का योगदान 5 से 7 फीसदी घटने के आसार हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में उत्पादन 23 फीसदी तक बढ़ने की संभावना जताई गई है। राजस्थान कृषि निदेशालय के अनुसार सरसों की उपज लगभग 15 फीसदी घटकर 32 लाख टन रहने का अनुमान है। गेहूं की पैदावार भी 20 फीसदी घटकर 55।32 लाख टन रहने की आशंका है।जौ उत्पादन 7.57 लाख टन से घटकर 6.84 लाख टन और चने का 8.77 लाख टन से कम होकर 8.22 लाख टन रहने का अनुमान है। राजस्थान कृषि निदेशालय के मुख्य सांख्यिकी अधिकारी पन्ना लाल अज्ञात का कहना है कि पिछले वर्ष रबी सीजन के दौरान राजस्थान में 73.66 लाख हैक्टेयर में बुवाई की गई थी। इस साल 53.32 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई है। पानी की कमी को देखते हुए विभाग ने भी 61.17 लाख हैक्टेयर में ही रबी फसलों की बुवाई का लक्ष्य तय किया था। हरियाणा मंे इस साल 24.म् लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है जिसमंे कृषि विभाग ने 106.फ्9 लाख टन गेहूं उपज की संभावना जताई है। हरियाणा के कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक आर.एस. सोलंकी के मुताबिक पिछले साल के 113.स्त्रक् लाख टन की तुलना मंे इस बार गेहूं उत्पादन सात लाख टन घटने के आसार हैं। तो भावों में इस साल और तेजी के आसार बनेंगे। हरियाणा रोलर फ्लोर मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सी.पी. गुप्ता ने कहा कि हरियाणा में यदि इस साल गेहूं का उत्पादन 7 लाख टन कम होता है तो भाव चढ़ सकते हैं। राजस्थान के गेहूं व्यापारी के.जी. झालानी का कहना है कि नई फसल आने के बाद गेहूं के दामों में थोड़ी कमी संभव है, लेकिन बाद में कीमतों में सुधार हो जाएगा। मध्य प्रदेश में रबी उत्पादन 138 लाख टन रहने का अनुमान है। 18 जनवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक कुल 95.32 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है जो बीते वर्ष के मुकाबले करीब 11 लाख हैक्टेयर अधिक है। कृषि विभाग के निदेशक डी.एन. शर्मा ने कहा कि रबी का कुल उत्पादन 23 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है। बीते वर्ष के 112 लाख टन के मुकाबले इस वर्ष खाद्यान्न उत्पादन 138 लाख टन रह सकता है। गेहूं का उत्पादन 85 लाख टन, सरसों का नौ लाख टन और चने का उत्पादन 34 लाख टन रहने की संभावना है (बिज़नस भास्कर)

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