06 फ़रवरी 2010
रिटेल में दाल अब भी महंगी
दालें भले ही थोक में 28 फीसदी तक सस्ती हो गई हैं लेकिन फुटकर मूल्य में अभी मामूली ही गिरावट आई है। आयातक आगे और गिरावट के अंदेशे से स्टॉक करने से बच रहे हैं लेकिन फुटकर विक्रेताओं को इस तरह का कोई डर नहीं है। थोक में अरहर दाल 58 रुपये प्रति किलो तक थी जबकि अब इसके भाव गिरकर 42 रुपये रह गए हैं लेकिन थोक में अभी भी दाम 70-72 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। इसमें बमुश्किल 10-15 फीसदी की गिरावट आई है। यही हाल दूसरी दालों का है। दलहन आयातक सुरेश अग्रवाल ने बताया कि घरेलू थोक बाजार में पिछले सवा दो महीने में दालों की कीमतों में 12 से 28 फीसदी की गिरावट आ चुकी है लेकिन इस अनुपात में फुटकर में दाम नहीं घट रहे हैं। घरेलू बाजार में आई गिरावट के कारण ही आयातक नए आयात सौदे करने से डर रहे हैं। जलगांव मंडी में उड़द के दाम 23 नवंबर से अभी तक 28।3 फीसदी घटकर 4000-4100 रुपये, अरहर के दाम इस दौरान 5700-5800 रुपये से घटकर 3700-4200 रुपये, चना के भाव 2525-2550 रुपये से घटकर 2150-2250 रुपये और मूंग के भाव 6300 रुपये से घटकर 5600-5700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मुंबई में मटर के दाम 12 फीसदी घटकर 1350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मुबई के दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि मूंग पेड़ी सेवा के आयात सौदे नवंबर में 1400 डॉलर प्रति टन थे जबकि इस समय दाम घटकर 1050 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। इसी तरह से लेमन अरहर के भाव 1275 डॉलर से घटकर 820-830 डॉलर, मसूर के भाव 980 डॉलर से घटकर 850-870 डॉलर, उड़द के भाव 1151 डॉलर से घटकर 730-840 डॉलर, ऑस्ट्रेलियाई चने के दाम 555 डॉलर से घटकर 525-530 डॉलर तथा कनाड़ा की मटर 380 डॉलर से घटकर 340 डॉलर प्रति टन रह गई है। घरेलू बाजार में अरहर की आवक बनी हुई है जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र में चने की नई फसल की आवक भी शुरू हो गई है। इसलिए आयातक नए आयात सौदे करने से परहेज कर रहे हैं। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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