01 फ़रवरी 2010
ग्वार गम में तेजी बढ़ने के आसार
ग्वार गम और कोरमा में निर्यातकों की अच्छी मांग होने से ग्वार की मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना है। निवेशकों की भारी बिकवाली से वायदा और हाजिर बाजार में चालू महीने में ग्वार और गम की कीमतें 14 से 23 फीसदी तक घटी हैं। चालू सीजन में ग्वार गम का अभी तक करीब 90 हजार टन का निर्यात हो चुका है। इस समय अमेरिका, यूरोप और चीन के बाजार में इसकी अच्छी मांग बनी हुई है। हालांकि ग्वार गम और ग्वार का स्टॉक मिलाकर कुल उपलब्धता नई फसल तक भरपूर है। पर नीचे भाव में स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने से आगामी महीनों में तेजी की ही संभावना है।वायदा में आई भारी गिरावटनेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में फरवरी महीने के ग्वार वायदा अनुबंध में चालू महीने में 19 फीसदी का मंदा आ चुका है। एक जनवरी को फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में ग्वार का दाम 2,833 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि शुक्रवार को इसका भाव घटकर 2,294 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में 185,060 लॉट के खड़े सौदे हुए हैं। इस दौरान ग्वार गम के फरवरी महीने के वायदा अनुबंध के भाव 5,955 रुपये से घटकर 4,585 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। इसमें करीब 23 फीसदी की गिरावट आई है। ग्वार गम के फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में 21,790 लॉट के खड़े सौदे हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान के मुताबिक स्टॉकिस्टों की वायदा में भारी बिकवाली से गिरावट आई है। एक तो भाव काफी नीचे जा चुके हैं, इसलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम हो गई है, दूसरा ग्वार गम और कोरमा में निर्यातकों की अच्छी मांग बनी हुई है, इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना है।निर्यात का हाल ग्वार गम मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जीवन गांधी ने बताया कि चालू सीजन में अभी तक 90 हजार टन ग्वार गम का निर्यात हो चुका है। इस समय अमेरिका, यूरोप और चीन की अच्छी मांग बनी हुई है। ग्वार चूरी और कोरमा में भी घरेलू व निर्यातकों की मौजूदा मांग को देखते हुए ग्वार और ग्वार गम के मौजूदा भावों में पांच से सात फीसदी की तेजी के आसार हैं।स्टॉक का हाल हरियाणा ग्वार गम एंड केमिकल के डायरेक्टर सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि इस समय मिलों के पास करीब 1.25 लाख टन का ग्वार गम का स्टॉक है, लेकिन उत्पादक मंडियों में ग्वार का स्टॉक काफी कम बचा हुआ है। स्टॉकिस्टों ने ग्वार की खरीद ऊंचे भाव पर की थी, इसलिए घटे भावों में उनकी बिकवाली पहले की तुलना में घट गई है। चालू सीजन में देश में ग्वार का उत्पादन घटकर मात्र 32-33 लाख बोरी का ही हुआ था, जबकि नई फसल के समय ग्वार गम और ग्वार का बकाया स्टॉक मिलाकर कुल उपलब्धता 85-90 लाख बोरी की बैठी थी। ग्वार की अभी तक हुई क्रेसिंग को देखते हुए अब स्टॉकिस्टों के पास मात्र 20-25 लाख बोरी का ही स्टॉक बचा हुआ है। इसमें से करीब 10 फीसदी की खपत बीज के तौर पर होगी। 15-20 फीसदी स्टॉक बिक्री में आने की उम्मीद नहीं है। इसलिए आगामी महीनों में ग्वार और ग्वार गम की कीमतें बढ़ने के ही आसार हैं।हाजिर में दाम घटेचालू महीने में हाजिर बाजार में ग्वार और गम की कीमतों में भारी गिरावट आ चुकी है। जनवरी महीने के शुरू में जोधपुर में ग्वार गम के भाव 5900-6000 रुपये और ग्वार के भाव 2800 रुपये प्रति क्विंटल हो गये थे, जबकि शुक्रवार को ग्वार गम के भाव घटकर 4725-4750 रुपये और ग्वार के प्लांट डिलीवरी भाव 2400-2450 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। हालांकि इस दौरान कोरामा और चूरी की कीमतों में कम गिरावट रही है। कोरामा के भाव 1700 रुपये से घटकर 1600 रुपये और चूरी के 1500 रुपये से घटकर 1400 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। चूरी और कोरमा की पशुआहार में तो मांग अच्छी बनी ही हुई है साथ ही निर्यात मांग मांग भी बराबर निकल रही है। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)
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