कोच्चि February 09, 2010
जनवरी महीने में प्राकृतिक रबर के उत्पादन में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
जनवरी 2010 में प्राकृतिक रबर का कुल उत्पादन 97,500 टन रहा, जबकि पिछले साल जनवरी 2009 में उत्पादन 91,900 टन था। हालांकि यह दिसंबर-2009 में हुए उत्पादन की धारणा के विपरीत है। दिसंबर 2009 में कुल 98,000 टन रबर का उत्पादन हुआ था, वहीं दिसंबर 2008 में कुल रबर उत्पादन 1,00,225 टन था।
उत्पादन में सुधार की प्रमुख वजह जाड़े के मौसम में बेहतरीन मौसम है, जिसकी वजह से अधिकतम टैपिंग की जा सकी। केरल के पहाड़ी इलाकों में वातावरण बहुत ठंडा है और उम्मीद की जा रही है कि अगले 2 सप्ताह के दौरान बेहतर टैपिंग की जा सकेगी। इसके चलते उम्मीद की जा रही है कि चालू माह में भी उत्पादन बेहतर रहेगा।
फरवरी 2009 में कुल 43,000 टन रबर का उत्पादन हुआ था। स्टॉकिस्टों के मुताबिक फरवरी 2010 में रबर उत्पादन 50,000 टन के आंकड़े को पार कर सकता है। हालांकि अगर अप्रैल-जनवरी के दौरान हुए उत्पादन की तुलना पिछले वित्त वर्ष से करें तो यह कम है।
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जनवरी के दौरान कुल 7,29,250 टन रबर का उत्पादन हुआ, जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान कुल 7,67,905 टन रबर का उत्पादन हुआ था। इस हिसाब से उत्पादन में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है।
जनवरी महीने के दौरान खपत में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह जनवरी 2009 के 64,000 टन से बढ़कर 79,500 टन पर पहुंच गया। रबर बोर्ड के अनुमानों के मुताबिक अप्रैल-जनवरी के दौरान कुल 7,72,800 टन रबर की खपत हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में खपत 7,26,000 टन रबर की खपत हुई थी।
अप्रैल-जनवरी के दौरान आयात 115 प्रतिशत बढ़कर 1,46,650 टन पर पहुंच गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कुल आयात 68,605 टन था। आयात में तेज बढ़ोतरी की वजह से प्राकृतिक रबर का स्टॉक भी बढ़ा है। रबर बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में इस समय 2,87,000 टन रबर का स्टॉक है, जो पिछले साल जनवरी महीने में 2,40,000 टन था।
जनवरी में भी निर्यात में मंदी बनी रही। इसके साथ ही भारत में रबर की कीमतें वैश्विक बाजारों की तुलना में कम रहीं। अप्रैल जनवरी महीने के दौरान कुल निर्यात 13,000 टन रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 42,700 टन रबर का निर्यात हुआ था।
आरएसएस-4 ग्रेड के रबर की कीमत सोमवार को 133 रुपये प्रति किलो रही, जो पिछले सप्ताह बंद भाव की तुलना में 1 रुपये प्रति किलो कम है। (बीएस हिन्दी)
09 फ़रवरी 2010
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