06 फ़रवरी 2010
महंगाई की स्थिति में जल्द होगा सुधार : प्रधानमंत्री (लीड-3)
नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा कि सरकार कृषि उत्पादन को बढ़ावा देकर मूल्य वृद्धि रोकने और महंगाई पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है।कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर समित के सदस्यों की चिंताओं के साथ अपने को साझा किया।द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि "स्थिति में सुधार हो रहा है और जल्द ही स्थिति बेहतर हो जाएगी।"बैठक में प्रधानमंत्री ने सदस्यों का ध्यान वैश्विक आर्थिक संकट से निपटने में मिली सफलता की ओर खींचा। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्गो की रक्षा के लिए उठाए गए कदम अब अपना परिणाम दिखाने लगे हैं।द्विवेदी ने इस बात से इंकार किया कि बैठक में कृषि, खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री शरद पवार के विभाग को दो भागों में बांटने का कोई सुझाव सामने आया था।द्विवेदी ने कहा, "बैठक में सबसे पहले महंगाई के मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक में 18 लोगों ने इस मुद्दे पर अपने विचार रखे और अपने सुझाव दिए। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी इस मुद्दे पर अपना विचार व्यक्त किया और उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।"द्विवेदी ने कहा, "बैठक के अंत में प्रधानमंत्री ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि स्थितियां सुधर रही हैं और जल्द ही स्थितियों में और सुधार होगा।"ज्ञात हो कि कांग्रेस कार्यसमिति, पार्टी की सर्वोच्च नीति नियामक इकाई है। इस बैठक में तेलंगाना के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।पार्टी सूत्रों के अनुसार मनमोहन सिंह ने जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी। इसके साथ ही सिंह ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली को चुस्त करें।लगभग तीन घंटे तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और केंद्रीय गृह मंत्री पी।चिदंबरम ने हिस्सा लिया। इस विस्तृत कार्यसमिति की बैठक में स्थायी आमंत्रित सदस्यों के अलावा कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया।कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि कुछ सदस्यों ने सरकार से कहा कि उसे किसानों और उपभोक्ताओं के बीच उपस्थित बिचौलियों की कड़ी को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए। सदस्यों ने कहा कि किसानों से उनके उत्पाद बहुत सस्ते दर पर खरीदे जाते हैं, जबकि उपभोक्ताओं को उन उत्पादों के लिए ऊंची कीमतें अदा करनी पड़ती है। ऐसे में बीच के मुनाफाखोरों को हटाए जाने की जरूरत है।चिदंबरम ने बैठक में आंध्र प्रदेश को विभाजित कर नए तेलंगाना राज्य के गठन पर सरकार के कदम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर गठित की गई समिति के कार्यक्षेत्र को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा।सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने महाराष्ट्र में शिव सेना द्वारा उठाए जा रहे भाषाई मुद्दे के संदर्भ में राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी दी। एंटनी महाराष्ट्र मामलों के पार्टी प्रभारी हैं।कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के महाराष्ट्र व पुड्डचेरी दौरे की वजह से दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।कांग्रेस सूत्रों के अनुसार बैठक के लिए कोई एजेंडा जारी नहीं किया गया था।गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब शनिवार को प्रधानमंत्री ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है।गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्री महंगाई के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं। इन राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें हैं।कांग्रेस का एक धड़ा बढ़ती महंगाई के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर निशाना साध रहा है। इस पर पवार ने कहा है कि कीमत संबंधी नीति पर फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिया जाता है।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम दल महंगाई के मुद्दे पर संसद के बजट सत्र में कांग्रेस को घेरने की योजना बना रहे हैं। (थे हिन्दी)
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