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04 नवंबर 2008

आयात शुल्क बढ़ने की आशा से सोयाबीन में तेजी

खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ने की संभावना सोयाबीन किसानों को राहत देने वाली साबित हो रही है। इससे सोयाबीन के दामों में तेज़ी का सिलसिला शुरू हो गया है। आयात शुल्क लगने की संभावना और प्लांटों की खरीद बढ़ने के चलते पिछले पंद्रह दिनों में ही सोयाबीन के भाव करीब दस फीसदी तक बढ़ गए हैं। इंदौर मंडी में सोमवार को सोयाबीन की प्लांट खरीद भाव 1700 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गए। वहीं कोटा मंडी में यह भाव 1760 रुपये के स्तर तक बढ़ गए हैं। इंदौर में सोयाबीन के व्यापारी हेमंत जैन ने बताया कि खाद्य तेलों पर आयात शुल्क लगने की संभावना को देखते हुए सोयाबीन के दामों में तेज़ी आई है। अन्यथा लगातार बढ़ती आवक के दबाव में दामों में गिरावट का रुख होता है। सोयाबीन के दामों में गिरावट से किसानों को हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार खाद्य तेलों पर आयात शुल्क लगाने का विचार कर रही है। हाल ही में कृषि मंत्री शरद पवार इस बात को स्वीकार कर चुके है। इस साल अप्रैल में केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दामों में हो रही बढ़ोतरी को रोकने के लिए कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क शू्न्य कर दिया था। साथ ही रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया था। इसके अलावा दिवाली के बाद प्लांटों की सोयाबीन खरीद में बढ़ोतरी हुई है। उसका प्रभाव भी दामों पर देखा जा रहा है। इस समय पूरे मध्य प्रदेश में 5.50-6 लाख बोरी की आवक हो रही है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में सोयाबीन की आवक 8 लाख बोरी के करीब थी। दूसरी ओर कोटा और रामगंज मंडियों में बीस हजार बोरियों की आवक हो रही है। सोयाबीन के दामों में तेजी को देखते हुए मंडियों में आवक बढ़ने की संभावना है। विश्व बाजार में खाद्य तेलों में भारी गिरावट के चलते भारत में सोयाबीन के दाम एक माह पहले 1400 रुपये के स्तर तक पहुंच गए थे। (Business Bhaskar)

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