नई दिल्ली November 03, 2008
लंदन स्थित इंटरनैशनल ग्रेन्स काउंसिल (आईजीसी) ने कहा है कि साल 2008-09 में गेहूं की खेती के वैश्विक रकबे में कमी आने की संभावनाओं के बावजूद न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने से भारत और पाकिस्तान में गेहूं की बुआई में बढ़ोतरी की संभावना है।
नवीनतम अनाज रिपोर्ट में इंटरनैशनल ग्रेन्स काउंसिल ने कहा है, 'समर्थन मूल्य बढ़ने से भारत और पाकिस्तान में गेहूं की बुआई में तेजी आनी चाहिए।' किसानों को अधिक से अधिक गेहूं उत्पादन की दिशा में प्रोत्साहित करने के खयाल से भारत ने साल 2007-08 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 750 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ा कर 1,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। दूसरी तरफ पाकिस्तान ने भी गेहूं का समर्थन मूल्य 625 रुपये प्रति 40 किलो से बढ़ा कर 950 रुपये प्रति किलो कर दिया है। करनाल स्थित गेहूं शोध संस्थान के निदेशक बी मिश्रा का नजरिया भी कुछ ऐसा ही है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने से इस साल ज्यादा से ज्यादा किसान गेहूं की बुआई करेंगे।उन्होंने कहा कि भारत में इस साल 290 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की जाएगी और पैदावार में 20 लाख टन की बढ़ोतरी हो सकती है हालांकि यह बुआई के क्षेत्र और पूरे सीजन के दौरान मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। रबी गेहूं की बुआई भारत और पाकिस्तान में इस साल जल्दी ही शुरू हो गई। भारत में बुआई की शुरुआत 23 अक्टूबर और पाकिस्तान में 15 अक्टूबर को शुरू हुई थी। आमतौर पर भारत में गेहूं की बुआई 30 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच की जाती है जबकि पाकिस्तान में इसकी शुरुआत नवंबर के पहले सप्ताह से लेकर दिसंबर के अंत तक होती है। (ET Hindi)
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