नई दिल्ली October 17, 2008
केंद्र सरकार अप्रैल 2009 से शुरुहो रहे अगले मार्केटिंग सीजन में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 1,080 रुपये प्रति क्विंटल कर सकता है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, गेहूं सहित सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्रीय मंत्रिमंडल निर्णय करेगी। उम्मीद है कि यह निर्णय अगले महीने की शुरुआत में लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विभिन्न जिंसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने वाली प्रमुख एजेंसी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने गेहूं का एमएसपी 80 रुपये बढ़ाकर 1,080 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। उम्मीद है कि सीएसीपी की इस सिफारिश को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल जाएगी। इस अधिकारी ने बताया कि अगर किसी तरह का विवाद पैदा न हुआ तो सीएसीपी की सिफारिशें तय है कि सरकार मान लेगी। चूंकि गेहूं की बुआई नवंबर में शुरू होती है ऐसे में अगर नवंबर की शुरुआत में समर्थन मूल्य बढ़ाया गया तो तय है कि इससे देश में गेहूं का रकबा बढ़ेगा। कृषि मंत्रालय ने इस साल गेहूं का रकबा 10 लाख हेक्टेयर बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। मालूम हो कि वर्ष 2007-08 में 2.815 करोड़ हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई थी। वैसे गेहूं के उत्पादन में केवल एक लाख टन की वृद्धि का लक्ष्य रखते हुए इसे पिछले साल के 7.84 करोड़ टन की तुलना में 7.85 करोड़ टन कर दिया गया है।इस अधिकारी ने याद दिलाया कि धान को छोड़कर खरीफ फसल के बारे में सीएसीपी द्वारा की गई सारी अनुशंसाएं सरकार ने मान ली थीं। गौरतलब है कि सीएससीपी ने अनुशंसा की थी कि धान के औसत क्वालिटी की एमएसपी बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जाए पर सरकार ने इसे महज 850 रुपये प्रति क्विंटल ही रखा। हालांकि गुरुवार को सरकार ने धान पर 50 रुपये का अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है जिसके चलते धान का खरीद मूल्य अब औसत गुणवत्ता के मामले में 900 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। धान की सबसे बढ़िया किस्म ग्रेड 'ए' की कीमत बोनस मिलने के बाद अब 880 की बजाय 930 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। (BS Hindi)
19 अक्तूबर 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें