आर एस राणा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से सोयाबीन की फसल को नुकसान तो हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी उत्पादन अनुमान पिछले साल से पांच से सात फीसदी ज्यादा ही होने का अनुमान है। पहली अक्टूबर को उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक भी 6 से 7 लाख टन बचने का अनुमान है जोकि पिछले साल से ज्यादा है। ऐसे में सोयाबीन की कुल उपलब्धता ज्यादा बैठेगी, जबकि सोया डीओसी में निर्यात मांग भी कमजोर है, इसलिए घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।
सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी. वी. मेहता ने बताया कि मध्य प्रदेश में फसल को नुकसान तो हुआ है, लेकिन इसके बाद भी उत्पादन 100 से 105 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 85 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि पिछले साल का बकाया स्टॉक भी 6 से 7 लाख टन का बचा हुआ है, जबकि पिछले साल नई फसल के समय बकाया स्टॉक एक-दो लाख टन का ही था। अत: चालू खरीफ में सोयाबीन की कुल उपलब्धता ज्यादा रहेगी। उन्होंने बताया कि सोया डीसीसी में निर्यात मांग कमजोर है जबकि 31 दिसंबर 2020 के बाद सोया डीओसी के निर्यात पर 5 फीसदी इंसेंटिव भी समाप्त हो जायेगा। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ऊंचा है। हालांकि उन्होंने बताया कि एक अच्छी बात यह है कि घरेलू बाजार में सोया डीओसी की मांग बढ़ रही है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने बताया कि चालू सीजन में सोयाबीन की बुआई बढ़ी है, लेकिन मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से फसल को नुकसान भी हुआ है। उन्होंने माना कि नुकसान 15 फीसदी से ज्यादा होने का अनुमान है, हालांकि अभी नुकसान का आंकलन हो रहा है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में उत्पादन तो पिछले साल से ज्यादा ही होने की उम्मीद है। पिछले साल 93 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि सोया डीआसी में निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं।
महाराष्ट्र के सोयाबीन कारोबारी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक बढ़ने लगी है, हालांकि नई फसल में नमी की मात्रा ज्यादा है। उत्पादक मंडियों में नई सोयाबीन के भाव 3,500 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि पुराना सोयाबीन 3,700 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। नए मालों में नमी की मात्रा 18 से 20 फीसदी की आ रही है। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए सोयाबीन का एमएसपी 3,880 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी भी मौसम साफ नहीं है, अत: मौसम साफ होने के बाद ही नई फसल की आवकों का दबाव बनेगा। उत्पादन अनुमान ज्यादा है इसलिए आगे आवक बढ़ने पर कीमतों पर भी दबाव रहेगा, वैसे भी पहली जनवरी के सोया डीओसी का निर्यात करने वाले निर्यातकों को इंसेंटिव नहीं मिलेगा तो जो थोड़े बहुत निर्यात पड़ते लग रहे हैं, वह भी बंद हो जायेंगे। सोया डीओसी का भाव बंदरगाह पहुंच 32,000 से 32,500 रुपये प्रति टन है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुआई 121.24 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि सामान्य क्षेत्रफल 110.32 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। पिछले साल इस समय तक सोयाबीन की बुआई 113.95 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी।..............आर एस राणा
01 अक्तूबर 2020
नुकसान के बाद भी सोयाबीन का उत्पादन अनुमान ज्यादा, कीमतों पर रहेगा दबाव
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