आर एस राणा
नई दिल्ली। गेहूं व्यापारियों को आगामी दिनों में अब इसके भाव में मंदे की उम्मीद नहीं है क्योंकि जिस तरह से कोविड -19 का असर कम हो रहा है, और आर्थिक गतिविधियों में सुधार आ रहा है, उसे देखते हुए आगामी दिनों में पीडीसी में फ्री में दिए जाने वाले गेहूं और चावल की योजना को आगे बढ़ाया नहीं बढ़ाया जायेगा। कानपुर में आज गेहूं की कीमतों में 10 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई जबकि अन्य मंडियों में दाम लगभग सिथर बने रहे।
व्यापारियों के अनुसार अब आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं तथा सरकार ने कोविड -19 और अर्थव्यवस्था पर दृष्टिकोण को भी स्पष्ट कर दिया है। इसलिए, सरकार की मुफ्त में गेहूं और चावल वितरण की योजना का विस्तार करने की संभावना नहीं है। इस योजना ने खुले बाजार में उचित और अनुचित तरीके से गेहूं के व्यापार और कीमतों को प्रभावित किया है। मुख्य रूप से, उपभोक्ताओं के एक बड़े हिस्से की गेहूं में मांग समाप्त हो गई, क्योंकि आधी से अधिक आबादी पीडीएस के माध्यम से मुफ्त या सब्सिडी वाला अनाज प्राप्त कर रही है। व्यापारियों के गेहूं के दाम पिछले दो, तीन महीने में काफी नीचे आ चुके हैं।
व्यापारियों के अनुसार दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों के पास बकाया स्टॉक नहीं है, ऐसे में नवंबर अंत में फ्री में आवंटित गेहूं की सप्लाई बंद होने के बाद, दक्षिण भारत की मांग उत्तर प्रदेश और राजस्थान से बढ़ेगी, जिस कारण मौजूदा कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की संभावना है। ................ आर एस राणा
22 अक्तूबर 2020
नवंबर से गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना, दक्षिण की बढेगी मांग
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें