आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई में कमी आई है, साथ ही गुजरात और राजस्थार में सितंबर में बारिष भी कम हुई है जिससे केस्टर सीड की कीमतों में आगामी दिनों और तेजी आने का अनुमान है। केस्टर सीड के भाव इस समय मिल पहुंच 840 रुपये प्रति 20 किलो चल रहे है जबकि मध्य नवंबर तक इसके भाव बढ़कर 900 रुपये प्रति 20 किलो होने का अनुमान है।
जानकारों के अनुसार इस समय केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है। घरेलू मंडियों में केस्टर तेल का भाव 875 रुपये प्रति 10 किलो है। केस्टर सीड की नई फसल जनवरी महीने में आती है जबकि आवक का दबाव फरवरी-मार्च में होता है। चालू सीजन में एक तो बुवाई कम हुई है, साथ ही प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात और राजस्थान में सितंबर महीने में हुई कम बारिष से इसके प्रति हैक्टेयर उत्पादन में भी कमी आने की आषंका है। इस समय उत्पादक राज्यों में मौसम गर्म बना हुआ है जिसका असर फसल पर पड़ रहा है। इसलिए आगे भाव में तेजी आने का ही अनुमान है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 1,74,846 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,71,804 टन का हुआ था। वित्त वर्ष 2015-16 में कुल निर्यात 4.96 लाख टन का हुआ था जबकि चालू वित्त वर्ष में निर्यात पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई केवल 8.30 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक बुवाई 10.90 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।..............आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई में कमी आई है, साथ ही गुजरात और राजस्थार में सितंबर में बारिष भी कम हुई है जिससे केस्टर सीड की कीमतों में आगामी दिनों और तेजी आने का अनुमान है। केस्टर सीड के भाव इस समय मिल पहुंच 840 रुपये प्रति 20 किलो चल रहे है जबकि मध्य नवंबर तक इसके भाव बढ़कर 900 रुपये प्रति 20 किलो होने का अनुमान है।
जानकारों के अनुसार इस समय केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है। घरेलू मंडियों में केस्टर तेल का भाव 875 रुपये प्रति 10 किलो है। केस्टर सीड की नई फसल जनवरी महीने में आती है जबकि आवक का दबाव फरवरी-मार्च में होता है। चालू सीजन में एक तो बुवाई कम हुई है, साथ ही प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात और राजस्थान में सितंबर महीने में हुई कम बारिष से इसके प्रति हैक्टेयर उत्पादन में भी कमी आने की आषंका है। इस समय उत्पादक राज्यों में मौसम गर्म बना हुआ है जिसका असर फसल पर पड़ रहा है। इसलिए आगे भाव में तेजी आने का ही अनुमान है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 1,74,846 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,71,804 टन का हुआ था। वित्त वर्ष 2015-16 में कुल निर्यात 4.96 लाख टन का हुआ था जबकि चालू वित्त वर्ष में निर्यात पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई केवल 8.30 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक बुवाई 10.90 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।..............आर एस राणा
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