आर एस राणा
नई दिल्ली। खुले बाजार बिक्री योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम अभी तक 24.6 लाख टन गेहूं की बिक्री कर चुकी है। ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री जून से षुरु हुई थी, तथा इसके तहत 1,640 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचा जा रहा है, इसमें परिवहन लागत एंव अन्य खर्च षामिल नहीं है।
केंद्रीय पूल में पहली सितंबर को 242 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा हुआ है जिसमें से पहली अप्रैल 2017 को तय मानकों बफर स्टॉक के लिए 73 लाख टन गेहूं की जररुत होगी। ऐसे में अगले सात महीने तक 170 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए उपलब्धता रहेगा। हालांकि इसमें पीडीएस में भी इसी से उठाव होगा।
जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के आयात षुल्क में कमी करने से दक्षिण भारत की मांग कम हो गई है तथा इस समय एफसीआई से केवल उत्तर भारत की मिलें ही खरीद रही हैं। इस समय त्यौहारी मांग है इसलिए भाव स्थिर हैं, लेकिन त्यौहारी मांग के बाद भाव में गिरावट आने की आषंका है।........आर एस राणा
नई दिल्ली। खुले बाजार बिक्री योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम अभी तक 24.6 लाख टन गेहूं की बिक्री कर चुकी है। ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री जून से षुरु हुई थी, तथा इसके तहत 1,640 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचा जा रहा है, इसमें परिवहन लागत एंव अन्य खर्च षामिल नहीं है।
केंद्रीय पूल में पहली सितंबर को 242 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा हुआ है जिसमें से पहली अप्रैल 2017 को तय मानकों बफर स्टॉक के लिए 73 लाख टन गेहूं की जररुत होगी। ऐसे में अगले सात महीने तक 170 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए उपलब्धता रहेगा। हालांकि इसमें पीडीएस में भी इसी से उठाव होगा।
जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के आयात षुल्क में कमी करने से दक्षिण भारत की मांग कम हो गई है तथा इस समय एफसीआई से केवल उत्तर भारत की मिलें ही खरीद रही हैं। इस समय त्यौहारी मांग है इसलिए भाव स्थिर हैं, लेकिन त्यौहारी मांग के बाद भाव में गिरावट आने की आषंका है।........आर एस राणा
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