आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में कपास की बुवाई में भले ही कमी आई है लेकिन उत्पादकता बढ़ने से पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। उधर विष्व बाजार के मुकाबले घरेलू बाजार में कपास के दाम ज्यादा होने के कारण कपास के निर्यात में कमी आने की आषंका है। इस समय कपास के भाव घरेलू मंडियों में 48,000 से 49,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) चल रहे हैं जबकि चालू महीने के आखिर तक भाव घटकर 41,000 से 42,000 रुपये प्रति कैंडी आने का अनुमान है।
कॉटन कॉरपोरेषन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस समय विष्व बाजार में कपास के भाव घरेलू भाव की तुलना में 10 फीसदी कम है। इसलिए मौजूदा भाव में निर्यात नहीं होगा। इस समय उत्पादक राज्यों में मौसम खराब है जबकि हाजिर में स्टॉक कम है इसलिए भाव में अपेक्षित गिरावट नहीं आ रही है, लेकिन जैसे ही मौसम साफ होगा भाव में गिरावट आयेगी। हालांकि उनका मानना है कि हाजिर में इस समय स्टॉक कम है इसलिए घरेलू मंडियों में कपास की कीमतों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से उपर ही रहेंगी। चालू महीने के आखिर तक उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक का दबाव बन जायेगा।
चालू खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए केंद्र सरकार ने मिडियम स्टैपल कपास का एमएसपी 3,860 रुपये और लौंग स्टैपल कपास का एमएसपी 4,160 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
उन्होनंे बताया कि चालू खरीफ में कपास की पैदावार 344 से 345 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है पिछले साल इसकी पैदावार 338 लाख गांठ की हुई थी। हालांकि विष्व बाजार में कपास की पैदावार कम होने का अनुमान है इसलिए विष्व बाजार में आगे कपास की कीमतों में मजबूती बन सकती है। इस समय विष्व बाजार में कपास का भाव 77.5 सेंट प्रति पाउंड चल रहा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई 102.79 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 116.41 लाख हैक्टेयर में हुई थी। मंत्रालय के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार कपास की पैदावार 321.23 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 301.47 लाख गांठ की हुई थी।
कपास का निर्यात 26 सितंबर से 2 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में घटकर 0.074 लाख गांठ का ही हुआ है जबकि इसके पिछले सप्ताह में इसका निर्यात 0.190 लाख गांठ का हुआ था। इस दौरान सबसे ज्यादा कपास का आयात बंगलादेष ने 0.061 लाख गांठ का किया है।.......आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में कपास की बुवाई में भले ही कमी आई है लेकिन उत्पादकता बढ़ने से पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। उधर विष्व बाजार के मुकाबले घरेलू बाजार में कपास के दाम ज्यादा होने के कारण कपास के निर्यात में कमी आने की आषंका है। इस समय कपास के भाव घरेलू मंडियों में 48,000 से 49,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) चल रहे हैं जबकि चालू महीने के आखिर तक भाव घटकर 41,000 से 42,000 रुपये प्रति कैंडी आने का अनुमान है।
कॉटन कॉरपोरेषन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस समय विष्व बाजार में कपास के भाव घरेलू भाव की तुलना में 10 फीसदी कम है। इसलिए मौजूदा भाव में निर्यात नहीं होगा। इस समय उत्पादक राज्यों में मौसम खराब है जबकि हाजिर में स्टॉक कम है इसलिए भाव में अपेक्षित गिरावट नहीं आ रही है, लेकिन जैसे ही मौसम साफ होगा भाव में गिरावट आयेगी। हालांकि उनका मानना है कि हाजिर में इस समय स्टॉक कम है इसलिए घरेलू मंडियों में कपास की कीमतों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से उपर ही रहेंगी। चालू महीने के आखिर तक उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक का दबाव बन जायेगा।
चालू खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए केंद्र सरकार ने मिडियम स्टैपल कपास का एमएसपी 3,860 रुपये और लौंग स्टैपल कपास का एमएसपी 4,160 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
उन्होनंे बताया कि चालू खरीफ में कपास की पैदावार 344 से 345 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है पिछले साल इसकी पैदावार 338 लाख गांठ की हुई थी। हालांकि विष्व बाजार में कपास की पैदावार कम होने का अनुमान है इसलिए विष्व बाजार में आगे कपास की कीमतों में मजबूती बन सकती है। इस समय विष्व बाजार में कपास का भाव 77.5 सेंट प्रति पाउंड चल रहा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई 102.79 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 116.41 लाख हैक्टेयर में हुई थी। मंत्रालय के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार कपास की पैदावार 321.23 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 301.47 लाख गांठ की हुई थी।
कपास का निर्यात 26 सितंबर से 2 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में घटकर 0.074 लाख गांठ का ही हुआ है जबकि इसके पिछले सप्ताह में इसका निर्यात 0.190 लाख गांठ का हुआ था। इस दौरान सबसे ज्यादा कपास का आयात बंगलादेष ने 0.061 लाख गांठ का किया है।.......आर एस राणा
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