आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वितत वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर 1,30,922 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,42,629 टन का हुआ था।
इस दौरान मूल्य के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में 40.63 फीसदी की भारी गिरावट आई है। अप्रैल से अगस्त के दौरान मूल्य के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर केवल 988.37 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,664.87 करोड़ रुपये का हुआ था।
उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड की दैनिक आवक बढ़ रही है, जबकि स्टॉकिस्टों की खरीद नहीं है इसीलिए ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। माना जा रहा है कि उत्पादक मंडियों में भाव 3,000 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल आने के बाद ही स्टॉकिस्टों की खरीद आयेगी। ग्वार गम उत्पादों की निर्यात मांग कमजोर होने के कारण आधी से ज्यादा मिलें बंद हैं।.........आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वितत वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर 1,30,922 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,42,629 टन का हुआ था।
इस दौरान मूल्य के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में 40.63 फीसदी की भारी गिरावट आई है। अप्रैल से अगस्त के दौरान मूल्य के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर केवल 988.37 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,664.87 करोड़ रुपये का हुआ था।
उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड की दैनिक आवक बढ़ रही है, जबकि स्टॉकिस्टों की खरीद नहीं है इसीलिए ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। माना जा रहा है कि उत्पादक मंडियों में भाव 3,000 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल आने के बाद ही स्टॉकिस्टों की खरीद आयेगी। ग्वार गम उत्पादों की निर्यात मांग कमजोर होने के कारण आधी से ज्यादा मिलें बंद हैं।.........आर एस राणा
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