केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को भरोसा दिलाया कि वह उसकी अनुमति के बगैर जीएम (जीन संवर्धित) सरसों के बीजों को वाणिज्यिक तौर पर जारी करने की मंजूरी नहीं देगी। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अगुवाई वाले एक पीठ के समक्ष अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर जीएम सरसों की फसल की खेती के परीक्षण और इसको वाणिज्यिक रूप से जारी करने करने की दिशा में कदम बढाने का फैसला होता है तो पहले इसकी अनुमति उच्चतम न्यायालय से ली जाएगी। इस पीठ में ठाकुर के अलावा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव शामिल हैं। रोहतगी ने पीठ के समक्ष कहा, 'अगर हमें जीएम फसल के खेत परीक्षण अथवा वाणिज्यिक रूप से जारी करने के लिए आगे बढऩा है, तो हम अनुमति प्राप्त करने के लिए न्यायालय आएंगे।' उच्चतम न्यायालय इस मामले में अब चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय ने जीएम सरसों को वाणिज्यिक रूप से जारी करने पर रोक को अगले आदेश तक रोक दिया था।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें