आर एस राणा
देश में कपास सीजन 2016-17 में रकबे में गिरावट के बावजूद उत्पादन 3.8 फीसदी बढऩे के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि इस साल अच्छे मॉनसून से उत्पादकता में भारी इजाफा हुआ है। कपास सलाहकार बोर्ड की बैठक में अनुमान जताया कि कपास वर्ष 2016-17 में उत्पादन 3.51 करोड़ गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) रहेगा, जबकि 2015-16 में उत्पादन 3.38 करोड गांठ रहा था। बीटी कपास का रकबा वर्ष 2015-16 में 106.8 लाख हेक्टेयर था, जो 2016-17 में घटकर 86.1 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। इस तरह गैर-बीटी कपास का रकबा वर्ष 2016-17 में बढ़कर 18.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो वर्ष 2015-16 में 11.9 लाख हेक्टेयर था। गुप्ता ने कहा कि बीटी के मुकाबले गैर-बीटी में बढ़ोतरी का यह रुझान अगले साल बदल सकता है। यह मौसम और अन्य कई कारकों पर निर्भर करेगा।
बैठक की अध्यक्षता केंद्र सरकार में कपड़ा आयुक्त कविता गुप्ता ने की। गुप्ता ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि इस साल तीन कारकों- बेहतर मॉनसून, पंजाब में व्हाइट फ्लाई और गुजरात में पिंक बॉलवॉर्म का प्रकोप न होने से कपास का उत्पादन अच्छा रहेगा। इस साल कपास की उत्पादकता पिछले साल से बेहतर रहेगी।' इस साल पंजाब और हरियाणा में कपास की उत्पादन में भारी इजाफा होने का अनुमान है। कपास सलाहकार बोर्ड का अनुमान है कि इस साल उत्पादकता में 17.47 फीसदी इजाफा होगा। वर्ष 2015-16 में उत्पादकता 483.79 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी, जो 2016-17 में सुधरकर 568.29 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो जाएगी। हालांकि पंजाब में औसत उत्पादकता 2016-17 में बढ़कर 597.66 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होने का अनुमान है, जो 2015-16 में 376.11 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। पिछले साल पंजाब और हरियाणा में व्हाइट फ्लाई के प्रकोप से कपास की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी। इसी तरह पिछले साल गुजरात में पिंक बॉलवॉर्म का प्रकोप रहा, लेकिन इस साल बेहतर कीट नियंत्रण उपायों से यह गायब है।
गुप्ता ने कहा, 'पाकिस्तान में बेहतर उत्पादन के अनुमानों के कारण भारत का कपास निर्यात घटने के आसार हैं। पिछले साल पाकिस्तान में कपास की फसल खराब हो गई थी, इसलिए भारत ने 40 फीसदी (27 लाख गांठ) कपास का निर्यात पाकिस्तान को किया था। हालांकि इस साल पाकिस्तान में फसल अच्छी है, इसलिए उसे कम आयात की जरूरत होगी। चीन को कपास के निर्यात में कोई भारी बढ़ोतरी नहीं होने का अनुमान है। इससे 2016-17 में कपास का निर्यात घटकर 50 लाख गांठ पर आ सकता है, जो 2015-16 में 69 लाख गांठ रहा था।' मिलों और लघु इकाइयों की कपास की खपत क्रमश: 275 लाख गांठ और 10 लाख गांठ पर अपरिवर्तित रहने का अनुमान है। इसलिए 2016-17 के अंत में कपास का स्टॉक 48 लाख गाठ रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 43 लाख गांठ था। इस बार तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने किसानों को कपास की जगह अन्य फसलें उगाने की सलाह दी थी। इस वजह से देश में कपास का रकबा 2016-17 में 12 फीसदी घटकर 105 लाख हेक्टेयर पर आ गया, जो 2015-16 में 118.8 लाख हेक्टेयर था।......आर एस राणा
देश में कपास सीजन 2016-17 में रकबे में गिरावट के बावजूद उत्पादन 3.8 फीसदी बढऩे के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि इस साल अच्छे मॉनसून से उत्पादकता में भारी इजाफा हुआ है। कपास सलाहकार बोर्ड की बैठक में अनुमान जताया कि कपास वर्ष 2016-17 में उत्पादन 3.51 करोड़ गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) रहेगा, जबकि 2015-16 में उत्पादन 3.38 करोड गांठ रहा था। बीटी कपास का रकबा वर्ष 2015-16 में 106.8 लाख हेक्टेयर था, जो 2016-17 में घटकर 86.1 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। इस तरह गैर-बीटी कपास का रकबा वर्ष 2016-17 में बढ़कर 18.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो वर्ष 2015-16 में 11.9 लाख हेक्टेयर था। गुप्ता ने कहा कि बीटी के मुकाबले गैर-बीटी में बढ़ोतरी का यह रुझान अगले साल बदल सकता है। यह मौसम और अन्य कई कारकों पर निर्भर करेगा।
बैठक की अध्यक्षता केंद्र सरकार में कपड़ा आयुक्त कविता गुप्ता ने की। गुप्ता ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि इस साल तीन कारकों- बेहतर मॉनसून, पंजाब में व्हाइट फ्लाई और गुजरात में पिंक बॉलवॉर्म का प्रकोप न होने से कपास का उत्पादन अच्छा रहेगा। इस साल कपास की उत्पादकता पिछले साल से बेहतर रहेगी।' इस साल पंजाब और हरियाणा में कपास की उत्पादन में भारी इजाफा होने का अनुमान है। कपास सलाहकार बोर्ड का अनुमान है कि इस साल उत्पादकता में 17.47 फीसदी इजाफा होगा। वर्ष 2015-16 में उत्पादकता 483.79 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी, जो 2016-17 में सुधरकर 568.29 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो जाएगी। हालांकि पंजाब में औसत उत्पादकता 2016-17 में बढ़कर 597.66 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होने का अनुमान है, जो 2015-16 में 376.11 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। पिछले साल पंजाब और हरियाणा में व्हाइट फ्लाई के प्रकोप से कपास की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी। इसी तरह पिछले साल गुजरात में पिंक बॉलवॉर्म का प्रकोप रहा, लेकिन इस साल बेहतर कीट नियंत्रण उपायों से यह गायब है।
गुप्ता ने कहा, 'पाकिस्तान में बेहतर उत्पादन के अनुमानों के कारण भारत का कपास निर्यात घटने के आसार हैं। पिछले साल पाकिस्तान में कपास की फसल खराब हो गई थी, इसलिए भारत ने 40 फीसदी (27 लाख गांठ) कपास का निर्यात पाकिस्तान को किया था। हालांकि इस साल पाकिस्तान में फसल अच्छी है, इसलिए उसे कम आयात की जरूरत होगी। चीन को कपास के निर्यात में कोई भारी बढ़ोतरी नहीं होने का अनुमान है। इससे 2016-17 में कपास का निर्यात घटकर 50 लाख गांठ पर आ सकता है, जो 2015-16 में 69 लाख गांठ रहा था।' मिलों और लघु इकाइयों की कपास की खपत क्रमश: 275 लाख गांठ और 10 लाख गांठ पर अपरिवर्तित रहने का अनुमान है। इसलिए 2016-17 के अंत में कपास का स्टॉक 48 लाख गाठ रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 43 लाख गांठ था। इस बार तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने किसानों को कपास की जगह अन्य फसलें उगाने की सलाह दी थी। इस वजह से देश में कपास का रकबा 2016-17 में 12 फीसदी घटकर 105 लाख हेक्टेयर पर आ गया, जो 2015-16 में 118.8 लाख हेक्टेयर था।......आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें