निवेश के
लिहाज से दिवाली को शुभ माना जाता है ऐसे में इस दिवाली सोने और चांदी में
निवेश कितना फलदायी होगा । सोने के घरेलू फंडामेंटल्स की बात करें तो ज्वेलरी डिमांड 7 साल के
निचले स्तर पर दिख रही है। पहली छमाही में सोने की 186.3 टन की डिमांड थी।
लेकिन अप्रैल के बाद दाम बढ़ने से मांग घटी है। आंकड़ों के मुताबिक सोने की
निवेश मांग करीब 20 फीसदी घटी है।
गोल्ड ज्वेलरी डिमांड की बात करें तो भारत और चीन में मांग 15-20 फीसदी कम हुई है। वहीं खाड़ी देशों में ज्वेलरी डिमांड 22 फीसदी घटी है। यूरोप और यूएस में ज्वेलरी की डिमांड बरकरार है।
गोल्ड ईटीएफ का ट्रेंड देखें तो 2013-14 में गोल्ड ईटीएफ से 2,293 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। इसी तरह 2014-15 में 1,475 करोड़ रुपये की और 2015-16 में 903 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। जबकि 2016-17 में सितंबर तक गोल्ड ईटीएफ से 539 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है।
चालू साल की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ से अप्रैल में 69 करोड़ रुपये की, मई में 79 करोड़ रुपये की, जून में 80 करोड़ रुपये की, जुलाई में 183 करोड़ रुपये की, अगस्त में 51 करोड़ रुपये की और सितंबर में 77 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। पिछली दिवाली से अब तक मिले रिटर्न की बात करें तो सोना ने 20 फीसदी, चांदी ने 22 फीसदी, सेंसेक्स ने 8 फीसदी और निफ्टी ने अब तक 11 फीसदी रिटर्न दिया है।
गोल्ड ज्वेलरी डिमांड की बात करें तो भारत और चीन में मांग 15-20 फीसदी कम हुई है। वहीं खाड़ी देशों में ज्वेलरी डिमांड 22 फीसदी घटी है। यूरोप और यूएस में ज्वेलरी की डिमांड बरकरार है।
गोल्ड ईटीएफ का ट्रेंड देखें तो 2013-14 में गोल्ड ईटीएफ से 2,293 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। इसी तरह 2014-15 में 1,475 करोड़ रुपये की और 2015-16 में 903 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। जबकि 2016-17 में सितंबर तक गोल्ड ईटीएफ से 539 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है।
चालू साल की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ से अप्रैल में 69 करोड़ रुपये की, मई में 79 करोड़ रुपये की, जून में 80 करोड़ रुपये की, जुलाई में 183 करोड़ रुपये की, अगस्त में 51 करोड़ रुपये की और सितंबर में 77 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। पिछली दिवाली से अब तक मिले रिटर्न की बात करें तो सोना ने 20 फीसदी, चांदी ने 22 फीसदी, सेंसेक्स ने 8 फीसदी और निफ्टी ने अब तक 11 फीसदी रिटर्न दिया है।
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