महाराष्ट्र में
मंत्रिमंडल ने इस बार का गन्ना पेराई सत्र एक दिसंबर से शुरू करने का फैसला
किया है| लेकिन इसे एक नवंबर से शुरू करने की मांग की गई है| इस संदर्भ
में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की जाएगी| यह जानकारी कृषि
विपणन राज्यमंत्री सदाभाऊ खोत ने पत्रकार सम्मेलन में दी| कृषि विपणन
विभाग की समीक्षा बैठक के बाद खोत ने पत्रकारों से यह बात कही| उन्होंने
कहा कि पेराई सत्र में देर करने से सांगली और कोल्हापुर इलाके में गन्ना
उत्पादन पर विपरीत असर होगा और यदि कर्नाटक ने हमारे पूर्व पेराई सत्र
घोषित कर दिया तो यहां के गन्ने को कर्नाटक के कारखानों में ले जाना
फायदेमंद नहीं होगा| इसलिए गन्ना सत्र दिसंबर तक ले जाना उचित नहीं होगा|
वास्तव में किसान गन्ना देने को तैयार हैं लेकिन कारखाने लेने को तैयार
नहीं है| इससे किसान असमंजस में हैं| गन्ना उत्पादकों का मानना है कि पेराई
सत्र में देरी से उनकी समस्या बढ. सकती है| इस बार 6.33 लाख हेक्टेयर पर
गन्ने का उत्पादन हुआ है. 445 लाख टन गन्ना पेराई के लिए उपलब्ध है| इससे
50.28 लाख टन शक्कर उत्पादन होगा| इस बार केवल 155 से 160 कारखाने शुरू
होंगे| इससे गन्ना सत्र 117 दिन के बजाय 90 से 100 दिन तक सीमित रहेगा |
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