06 अक्टूबर 2012
जिंस वायदा में बढ़ेगी लिक्विडिटी
एफसीआरए से उम्मीदें
कमोडिटी ट्रेडिंग में ऑप्शंस ट्रेडिंग की सुविधा हो सकेगी शुरू
नए प्रोडक्ट मसलन फे्रट व मौसम की ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने में मिलेगी मदद
फारवर्ड कांट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) बिल से कमोडिटी के वायदा कारोबार में लिक्विडिटी बढ़ेगी। इससे वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को ज्यादा अधिकार मिलेंगे। इससे बैंक, एफआईआई और संस्थागत निवेश का रास्ता साफ होगा। एफसीआरए बिल लागू होने से कमोडिटी ट्रेडिंग में ऑप्शंस की सुविधा शुरू हो सकेगी। नए प्रोडक्ट मसलन फे्रट और मौसम की ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने में भी मदद मिलेगी।
उपभोक्ता मामला मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एफसीआरए बिल के पारित होने के बाद एफएमसी के पास ज्यादा अधिकार आ जाएंगे। हालांकि, वायदा बाजार की कीमतों का फायदा किसानों तक पहुंचाने के लिए एफएमसी को कड़े कदम उठाने होंगे। एफसीआरए बिल के आने से किसानों को भी फायदा हो, इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा।
एफसीआरए बिल आने से कमोडिटी एक्सचेंजों के कारोबार में पारदर्शिता बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया कि एफसीआरए बिल में पेनाल्टी की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का प्रावधान है जिससे डिफॉल्टरों की संख्या में कमी आएगी।
एनसीडीएक्स के चीफ बिजनेस ऑफिसर विजय कुमार ने बताया कि एफसीआरए बिल लागू होने के बाद बैंक, एफआईआई और संस्थागत निवेश का रास्ता साफ हो जाएगा। छोटे निवेशकों के साथ-साथ कॉरपोरेट जगत की रुचि भी कमोडिटी वायदा कारोबार में बढ़ेगी जिससे जिंस वायदा कारोबार में लिक्विडिटी बढ़ जाएगी। एफएमसी के पास प्रोडक्ट मंजूरी का अधिकार आ जाएगा। ऐसे में एफसीआरए को मंजूरी मिलने के बाद फे्रट और मौसम की ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू की जा सकती है।
एसएमसी इन्वेस्टमेंट एंड एडवाइजर लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डी के अग्रवाल ने बताया कि एफसीआरए बिल लागू होने के बाद एफएमसी एक्सचेंजों से फीस के रूप में राजस्व जुटा सकेगा। सेबी की तरह अधिकार मिलने के बाद एफएमसी के लिए नए उत्पादों मसलन ऑप्शन और फ्यूचर पेश करना संभव हो जाएगा। साथ ही, शिकायत आदि का निपटारा एफएमसी द्वारा ही किया जा सकेगा। (Business Bhaskar....R S Rana)
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