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05 अक्तूबर 2012

एफसीआरए बिल मंजूर, एफएमसी के बढ़ेंगे अधिकार

नई दिल्ली आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए यूपीए सरकार ने गुरुवार को कई अहम निर्णय लिए। इसके तहत वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को ज्यादा अधिकार देने वाले फॉरवर्ड कांट्रैक्ट रेग्युलेशन एक्ट (एफसीआरए) बिल को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। एफएमसी अब एक्सचेंजों से फीस के रूप में राजस्व जुटा सकेगा जिससे उसके लिए आत्मनिर्भर बनना संभव होगा। इसी तरह कई नए उत्पादों मसलन ऑप्शन व फ्यूचर को पेश करना भी अब संभव हो जाएगा। इस बिल में डिफॉल्टरों पर पेनाल्टी को मौजूदा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव है। एफसीआरए बिल में एफएमसी के चेयरमैन व सदस्यों की सेवानिवृत्ति आयु को मौजूदा 60 साल से बढ़ाकर 65 साल करने का भी प्रस्ताव है। इसी तरह एफएमसी के सदस्यों की संख्या को भी 4 से बढ़ाकर 9 करने का जिक्र इसमें किया गया है। उपभोक्ता मामला मंत्रालय के पूर्व सचिव राजीव अग्रवाल ने 'बिजनेस भास्कर' को बताया कि एफसीआरए बिल से एफएमसी को सेबी की तरह अधिकार मिलेंगे। आरबीआई अभी तक बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को वायदा एक्सचेंजों में कार्य करने की अनुमति नहीं देता था, लेकिन एफसीआरए बिल को मंजूरी मिलने से नियमन बेहतर होगा। ऐसे में बैंकों के साथ-साथ फाइनेंस कंपनियां भी इसमें भागीदारी कर सकेंगी। इसका सीधा फायदा किसानों को होगा। उन्होंने कहा कि इससे जिंस बाजार में नए उत्पाद मसलन ऑप्शन व फ्यूचर पेश किए जा सकेंगे। साथ ही, शिकायत आदि का निपटारा भी एफएमसी द्वारा किया जा सकेगा। इसके अलावा, सरकार के साथ अनिवार्य रूप से संपर्क किए बिना बाजार के लिए दिशा-निर्देश तय किए जा सकेंगे। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के मैनेजिंग डायरेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकांत जावलेकर ने कहा कि एफसीआरए बिल को मंजूरी मिलने से कमोडिटी कारोबार में तेजी आएगी। इससे नियामक और नियम ही मजबूत नहीं होंगे, बल्कि हेजिंग और कीमतों के जोखिम प्रबंधन में भी कमी लाई जा सकेगी। साथ ही, भारत में सबसे ज्यादा पैदा और खपत होने वाली जिंसों की कीमतों के लिए भी बेंचमार्क तय हो सकेगा। राजीव अग्रवाल ने बताया कि जिंस वायदा बाजार में डिब्बा कारोबार समेत गलत काम करने वालों से अर्थदंड या जुर्माना वसूलने का अधिकार भी एफएमसी के पास होगा। एफएमसी के चेयरमैन व बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति पर फैसला करने के मामले में उपभोक्ता मामला मंत्रालय नोडल एजेंसी होगा। एफएमसी खुद ही नियुक्तियां भी कर सकेगा। (Business Bahskar....R S Rana)

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