03 फ़रवरी 2010
सरकारी गेहूं बिक्री के नियम बदलने की तैयारी
केंद्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं आवंटन नियमों में बदलाव के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से रिपोर्ट मांगी है। इस समय एफसीआई ओएमएसएस के तहत बड़े उपभोक्ता (फ्लोर मिल व बेकरी कंपनियों) को निविदा के माध्यम से अधिकतम 1000 टन तक गेहूं प्रति माह जारी कर रही है। एफसीआई द्वारा निविदा के माध्यम से दिए जाने वाले गेहूं के मुकाबले खुले बाजार में दाम करीब 100-125 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है छोटी मिलें ज्यादा गेहूं निविदा के माध्यम से खरीदकर खुले बाजार में बेच रही हैं। सरकारी गेहूं की खुले बाजार में बिक्री रोकने और भाव को नियंत्रित करने के लिए एफसीआई नियमों में बदलाव करना चाहती है। फ्लोर मिलों और चक्कियों की महीने की पिसाई क्षमता अलग-अलग है। दिल्ली स्थित एक फ्लोर मिल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जनवरी महीने में दिल्ली की फ्लोर मिलों को अभी तक एफसीआई तीन बार निविदा के माध्यम से गेहूं रिलीज कर चुकी है। एक निविदा के माध्यम से फ्लोर मिल 1000 टन तक गेहूं ले सकती है। दिल्ली में एफसीआई के गेहूं का रिजर्व मूल्य 1254.08 रुपये, चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब में 1239.89 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि दिल्ली में खुले बाजार में गेहूं का दाम 1380-1385 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में सरकारी गेहूं की खुले बाजार में बिक्री की गुंजाइश है। एफसीआई निविदा के समय फ्लोर मिलों और चक्कियों से पिसाई क्षमता का ब्यौरा मांगती है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने एफसीआई की सिफारिश मान ली तो ओएमएसएस के तहत बड़े ग्राहकों को महीने की उत्पादन क्षमता के हिसाब से ही गेहूं मिलेगा। इससे सरकारी गेहूं की खुले बाजार में बिक्री रुकेगी। एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत 15.18 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए जारी किया है। अभी तक करीब 6.75 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में नए गेहूं की आवक बनने में अभी दो महीने का समय शेष है इसलिए आगामी दिनों में ओएमएसएस के तहत गेहूं के उठान और भी तेजी आने के आसार हैं।एफसीआई ज्यादा से ज्यादा गेहूं की बिक्री करने के मकसद से साप्ताहिक निविदा जारी कर रही है। उधर गुजरात और मध्य प्रदेश की मंडियों में नये गेहूं की छिटपुट आवक शुरू हो गई है। मौसम साफ रहा तो इन राज्यों में फरवरी मध्य के बाद आवक का दबाव बनने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)
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