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05 फ़रवरी 2010

घरेलू बाजार में भी मेटल सुधरे

नीचे भाव पर खरीदारी बढ़ने से मेटल के मूल्यों में गिरावट थम गई है। पिछले दो दिनों में इसके दाम तीन फीसदी तक बढ़ चुके हैं। जानकारों के मुताबिक आने वाले में इसके मूल्यों और तेजी आ सकती है। लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में कॉपर के दाम 6675 डॉलर से बढ़कर 6900 डॉलर, अल्यूमीनियम के दाम 2040 डॉलर से बढ़कर 2100 डॉलर, निकिल के दाम इस दौरान 18025 डॉलर से बढ़कर 18,200 डॉलर प्रति टन हो चुके हैं। एलएमई में तेजी की वजह से घरेलू बाजार में कॉपर 312 रुपये से बढ़कर 317 रुपये, अल्यूमीनियम 95 रुपये से बढ़कर 98 रुपये और निकिल 834 रुपये से बढ़कर 840 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। एंजिल ब्रोकिंग के मेटल विश्लेषक अनुज गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि बीते दिनों में एलएमई में मेटल की इन्वेंट्री बढ़ने के कारण इसके मूल्यों में काफी गिरावट आई थी, लेकिन अब नीचे भाव पर खरीद बढ़ने से इसके दाम फिर से बढ़ने लगे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका में आर्थिक विकास संबंधी सकारात्मक आंकड़े आने की वजह से भी मेटल की कीमतों में तेजी को बल मिला है। दिल्ली के मेटल कारोबारी सुरेशचंद गुप्ता का कहना है कि घरेलू बाजार में भी विदेशी तेजी से मेटल के दाम बढ़े हैं। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसके मूल्यों में और बढ़ोतरी हो सकती है। अनुज गुप्ता के मुताबिक मेटल की वैश्विक स्तर पर चालू वर्ष के दौरान खपत बढ़ने की संभावना है। इस वजह से इसके मूल्यों में तेजी के आसार हैं। दरअसल वैश्विक आर्थिक हालात सुधरने से रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑटो उद्योग में तेज गति से विकास की संभावना है। ऐसे में इन उद्योगों में मेटल की खपत होने से इनकी मांग बढ़ सकती है। सुरेश चंद गुप्ता के मुताबिक इंफास्ट्रक्चर खासतौर पर दिल्ली में राष्ट्रमंडल की परियोजनाओं में मेटल की मांग अधिक निकलने से इसके मूल्यों में और तेजी के आसार हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल की दूसरी तिमाही के दौरान भारत, चीन समेत कई देशों में आर्थिक हालात सुधरने से मेटल की मांग बढ़ी थी। इस वजह से इसकी कीमतों में इस दौरान 40 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ था। इस दौरान कॉपर और लेड के मूल्यों में दोगुने से अधिक वृद्धि हुई थी। वर्ष 2008 में दुनिया भर में आई आर्थिक मंदी की वजह से मेटल की मांग घटने से इसके मूल्य आधे से भी कम रह गए थे। (बिज़नस भास्कर)

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