मुंबई February 04, 2010
राज्य सरकारें महंगाई को रोकने के लिए कुछ और महत्वपूर्ण कदम उठा सकती हैं। इसमें अंत्योदय योजना के तहत गरीबों को दिए जाने वाले अनाज का लाभ पाने वालों की संख्या बढ़ाना शामिल है।
इस योजना का लाभ पाने वाले हाल की गणना के मुताबिक आए अनुमानों के अनुसार होगी। केंद्र सरकार महंगाई के मसले पर लगातार राज्यों को सलाह दे रही है कि वे जमाखोरी को रोकें , जिसकी वजह से आवश्यक जिंसों की कीमतों में तेजी आ रही है।
कीमतों में तेजी के मसले पर राज्य सरकारों के प्रतिनिधि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक 6 फरवरी को प्रस्तावित है। इसमें अरहर दाल पर सब्सिडी बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है, जो इस समय 10 रुपये प्रति किलो है। चीनी की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए आयात तेज किया जा सकता है।
इसके साथ ही राज्य सरकारों से उम्मीद की जा रही है कि विशेष व्यवस्था के तहत खुदरा कारोबारियों पर भी स्टॉक सीमा तय करेंगे, जैसा कि थोक कारोबारियों के मामले में है। महंगाई का मसला राज्यों से जुड़ा हुआ है, जो पिछले सप्ताह मामूली बढ़कर 17.40 प्रतिशत पर पहुंच गई।
केंद्र सरकार चाहती है कि चीनी, पाम ऑयल, अरहर दाल, चावल और गेहूं की उपलब्धता सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बढ़ाई जाए और उस पर सब्सिडी दी जाए। इसके साथ ही केंद्र सरकार की एजेंसियों के माध्यम से जिन जिंसों की कमी है, उसका आयात भी किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'महंगाई पर काबू पाने के लिए अटकलबाजों और जमाखोरों पर शिकंजा कसने की उम्मीद केंद्र सरकार से की जा रही है। इसकी संभावना कम है कि केंद्र सरकार तत्काल अरहर दाल या अन्य आवश्यक जिंसों पर सब्सिडी बढ़ा देगी।
लेकिन राज्यों द्वारा लाभार्थियों की संख्या बढ़ाए जाने के मसले पर विचार कर सकती है। बहरहाल, केंद्र सरकार अतिरिक्त सब्सिडी का बोझ सहने को तैयार हो सकती है और इस सिलसिले में अगले बजट में फैसला किया जा सकता है।'
अधिकारी ने कहा कि कुछ राज्य न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग कर सकते हैं, जिसमें दलहन और तिलहन शामिल है। राज्यों का तर्क है कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिया जाना चाहिए।
राज्यों का विचार है कि इन खाद्यान्न की खरीद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के साथ जोड़ा जाना चाहिए और कीमतों पर लगाम लगाने के लिए राज्यों के साथ तालमेल बिठाकर चलना चाहिए। इसके साथ ही जिन राज्यों में बारिश की कमी से सिंचाई का संकट हुआ है, उन्हें बजटीय और प्रशासनिक मदद मिल सकती है।
पिछले सप्ताह 17.40 फीसदी पर पहुंची महंगाई दर
6 फरवरी को हो सकती है राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की बैठकअरहर दाल पर सब्सिडी बढ़ाने पर हो सकता है विचार, जो इस समय 10 रुपये प्रति किलो हैचीनी की कीमतों पर लगाम के लिए आयात किया जा सकता है तेजथोक कारोबारियों की तरह खुदरा कारोबारियों के लिए भी तय हो सकती है चीनी की स्टॉक सीमा (बीएस हिन्दी)
04 फ़रवरी 2010
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