04 फ़रवरी 2010
सरकार ने चीनी के भंडार की सीमा सितंबर तक बढ़ाई
नई दिल्ली : चीनी के दाम अभी भी 40 रुपए प्रति किलोग्राम से ऊपर चल रहे हैं और ऐसे में केन्द्र सरकार ने चीनी के भंडार की सीमा के आदेश को सितंबर तक बढ़ा दिया है। इसके तहत राज्य जमाखोरी और काला बाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। भंडारण निषेध आदेश सबसे पहले पिछले वर्ष मार्च में जारी किया गया था। इसके बाद जुलाई में इसे फिर 31 जनवरी, 2010 तक बढ़ा दिया गया। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि अब यह आदेश सितंबर तक लागू होगा। चीनी के भंडार और टर्नओवर की सीमा के तहत केन्द्र ने एक कारोबारी के लिए भंडार की अधिकतम सीमा तय की है। राज्यों को यह सीमा कम करने का अधिकार है। इस आदेश के अनुसार कारोबारी को कंसाइनमेंट हासिल करने के 30 दिनों के अंदर अपना भंडार बेचना होता है। सभी चीनी कारोबारियों को लाइसेंस भी लेना होगा। आमतौर पर एक पंजीकृत डीलर केवल 2,000 क्विंटल तक का भंडार रख सकता है। हालांकि, कोलकाता और इसके आसपास के इलाकों में प्रत्येक डीलर 10,000 क्विंटल तक चीनी जमा कर सकता है। कोलकाता देश में चीनी का सबसे बड़ा बाजार है और यह पूर्वोत्तर राज्यों को भी आपूर्ति करता है। इसी वजह से यहां के डीलरों के भंडार की सीमा अधिक रखी गई है। सूत्रों का कहना है कि अभी तक चीनी के सभी बड़े उत्पादकों सहित 20 राज्यों ने भंडार की सीमा के आदेश को अधिसूचित किया है। हालांकि, इसके तहत सीमा से अधिक भंडार रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई केवल मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पंजाब ने ही की है। खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने को लेकर राजधानी में छह फरवरी को मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होता है और इसे देखते हुए पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्यों ने भी जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बीच उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों को जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को चीनी की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ जरूरी वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराने का भी अधिकार दे दिया। पहले जिलाधिकारियों को एफआईआर दर्ज कराने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होती थी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई से यह संदेश जाना चाहिए कि सरकार जमाखोरी के खिलाफ प्रतिबद्ध है।' राजधानी में चीनी के दाम जनवरी के दूसरे सप्ताह में 50 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए थे। लेकिन इसके बाद ये गिरकर 42-43 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गए। ऐसी आशंका है कि 1 मार्च को होली के त्योहार से पहले इनमें मामूली इजाफा हो सकता है। देश में 2009-10 सीजन में चीनी का उत्पादन लगभग 1.6 करोड़ टन था जबकि मांग 2.35 करोड़ टन की थी। मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को आयात के जरिए पूरा करने की कोशिश की जा रही है। (Eऐ टी हिन्दी)
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