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05 फ़रवरी 2010

खाद्य तेलों में गिरावट जारी

मांग के मुकाबले उपलब्धता ज्यादा होने से खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। पिछले एक महीने में घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की थोक कीमतों में 300-550 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है। नवंबर- दिसंबर में खाद्य तेलों के आयात में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि आयातित खाद्य तेलों के दाम भी पिछले दो महीने में 2.56 से 5.64 फीसदी घटे हैं। चालू महीने के आखिर में घरेलू बाजार में रबी तिलहनों की आवक शुरू हो जाएगी। इसीलिए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की ही संभावना है।दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि रिकार्ड आयात होने के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा बनी हुई है। जबकि ब्याह-शादियों के साथ ही त्यौहारी सीजन न होने और स्टॉकिस्टों की बिकवाली के दबाव से लगातार गिरावट बनी हुई है। घरेलू बाजार में पिछले बीस दिनों में सरसों तेल के भाव दादरी में 5400 रुपये से घटकर 4850-4900 रुपये, क्रूड पाम तेल के दाम कांडला पोर्ट पर 3780-3800 रुपये से घटकर 3500 रुपये, इंदौर में सोयाबीन रिफाइंड तेल के दाम 4920 रुपये से घटकर 4500 रुपये, हरियाणा की मंडियों में बिनौला तेल के दाम 4230 रुपये से घटकर 3900 रुपये और राजकोट में मूंगफली तेल के भाव 7000 रुपये से घटकर 6700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।खाद्य तेल व्यापारी निरंजन लाल ने बताया कि थोक कीमतों में गिरावट का असर फुटकर में भी देखा जा रहा है। फुटकर बाजार में सोया रिफाइंड तेल के दाम घटकर 55 रुपये और सरसों तेल के 71 रुपये प्रति किलो रह गए। आयातित खाद्य तेलों में आरबीडी पॉमोलीन के भाव (सीएंडएफ) मुंबई में दिसंबर के 815 डॉलर से घटकर 785 डॉलर प्रति टन, क्रूड पाम तेल के भाव 780 डॉलर से घटकर 760 डॉलर और सोया डिगम क्रूड ऑयल के दाम 922 डॉलर से घटकर 870 डॉलर प्रति टन रह गए।विजय सॉलवैक्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर विजय डाटा ने बताया कि रबी तिलहनों की प्रमुख फसल सरसों की आवक चालू महीने में उत्पादक मंडियों में आनी शुरू हो जाएगी। जबकि इस समय उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों का करीब 10-12 लाख टन का बचा है। जा ेकि पिछले साल के दो-ढ़ाई लाख टन से काफी ज्यादा है। इसीलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली पहले की तुलना में बढ़ गई है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार नवंबर दिसंबर महीने में भारत में खाद्य तेलों का आयात 1,300,905 टन से बढ़कर 1,541,389 टन का हुआ है जबकि वर्ष 2008-09 तेल वर्ष में भी 81.8 लाख टन रिकार्ड खाद्य तेलों आयात हुआ था। इसीलिए घरेलू बाजार में मांग के मुकाबले उपलब्धता ज्यादा बनी हुई है।बात पते कीरबी तिलहनों की प्रमुख फसल सरसों की आवक इस माह शुरू हो जाएगी। बाकी स्टॉक भी पिछले साल के मुकाबले चार गुने से ज्यादा है। ऐसे में आगे भी गिरावट जारी रह सकती है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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