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01 फ़रवरी 2010

कॉपर की मांग 7फीसदी बढ़ने का अनुमान

इस साल भारत में कॉपर की मांग सात फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान कॉपर लि. के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक शकील अहमद ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि पावर, ऑटो, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों में कॉपर की खपत बढ़ रही है। कॉपर का उत्पादन बढ़ने से इसके निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।अहमद ने कहा कि कॉपर की मांग में सात फीसदी बढ़त न होने की कोई ठोस वजह नहीं नहीं आती है। इन सभी सेक्टरों के लिए कॉपर प्रमुख कच्चा माल है। देश की तीसरी सबसे बड़ी उत्पादक और सबसे बड़ी कॉपर खनन कंपनी हिंदुस्तान कॉपर के प्रमुख ने कहा कि देश में कॉपर का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से निर्यात बढ़कर दोगुना होने की संभावना है। हालांकि वैश्विक आर्थिक हालात को लेकर चिंता होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉपर के दाम हाल में गिरे हैं। शुक्रवार को शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज में कॉपर करीब चार फीसदी गिर गया। इससे पहले लंदन मेटल एक्सचेंज में भी नरमी रही थी। अमेरिका में भी कॉपर के दाम निचले स्तर पर ही रहे। अहमद के अनुसार भारत में चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह अप्रैल से नवंबर के दौरान कॉपर का उत्पादन 4.62 लाख टन रहा जो पिछले साल की समान अवधि से 12 फीसदी ज्यादा था। भारत से हर साल करीब 3.5-4 लाख टन कॉपर निर्यात होता है। इस साल देश में कॉपर की उत्पादन क्षमता बढ़ रही है। इस लिहाज से कॉपर का निर्यात बढ़कर 9 लाख टन तक पहुंच सकता है। देश के तीन प्रमुख उत्पादक हिंडाल्को, स्टरलाइट और हिंदुस्तान कॉपर की कुल उत्पादन क्षमता करीब दस लाख टन है। (बिज़नस भास्कर)

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