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01 फ़रवरी 2010

प्राइस वार में गन्ने के दाम बढ़े

अधिक गन्ना खरीदने की होड़ में उत्तर प्रदेश की एक निजी चीनी मिल ने 270-275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदना शुरू कर दिया है। इससे राज्य की अन्य मिलों पर भी दाम और बढ़ाने का दबाव बन गया है। चालू सप्ताह में राज्य की कई मिलों ने 10 रुपये बढ़ाकर खरीद भाव 250-255 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इसके अलावा दूसरी मिलों के एरिया से गन्ना लाने वाले किसानों को पांच-दस रुपये प्रति क्विंटल और अधिक मूल्य दिया जा रहा है। राज्य की सहकारी चीनी मिलें भी 250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीद कर रही हैं।गन्ने के मूल्य को लेकर मिलों और किसानों की आपसी खींचतान के कारण ही चालू सीजन में गन्ने का पेराई देर से शुरू हो पाई थी। पेराई सीजन शुरू होने से पहले किसान 280 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने के दाम की मांग कर रहे थे। जबकि उस समय मिलें दाम बढ़ाने को तैयार नहीं थीं। गन्ने को लेकर चीनी मिलों में प्राइस वॉर छिड़ी है। सूत्रों के अनुसार राज्य के सहारनपुर में स्थित उत्तम शुगर मिल्स लिमिटेड ने गन्ने का दाम बढ़ाकर 270-275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है जिससे अन्य मिलों पर भी मूल्यवृद्धि का दबाव बढ़ गया है। यह कीमत राज्य सरकार द्वारा तय किए गए राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) से 100-105 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए गन्ने का एसएपी 162।50 रुपये से 170 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। गन्ने में रिकवरी पिछले साल के 8.65त्न के मुकाबले बढ़कर 8.75 फीसदी आ रही है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में राज्य में 40-41 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में 40.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू सीजन में गन्ने के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होने की संभावना से बीज में भी ज्यादा गन्ने की खपत होगी। चीनी की एक्स-फैक्ट्री कीमतों में पिछले दो दिनों में 100-125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर शुक्रवार को भाव 3800-3950 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में 3950-4150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।फरवरी के लिए चीनी का कोटा बढ़ानई दिल्ली ह्व केंद्र सरकार ने फरवरी महीने के लिए 17.91 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है। इसमें 12 लाख टन का नियमित कोटा होगा तथा 1.94 लाख टन चीनी लेवी कोटे की होगी। इसके अलावा 2.97 लाख टन दिसंबर में आयात की गई रॉ-शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) से तैयार चीनी के अलावा करीब एक लाख टन आयातित चीनी (व्हाईट शुगर) बाजार में उपलब्ध होगी। हालांकि इस समय न तो ब्याह-शादियों का सीजन है और न ही त्यौहारी सीजन। इसके बावजूद केंद्र ने जनवरी के मुकाबले फरवरी में ज्यादा कोटा जारी किया है। केंद्र कोटे की मात्रा बढ़ाकर चीनी की ऊंची कीमतों में कमी लाना चाहती है।बात पते कीऊंचे गन्ना मूल्य से मिलों को ज्यादा रिकवरी से राहत मिल रही है। गन्ने में रिकवरी पिछले साल की 8.65 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 8.75 फीसदी है। (बिज़नस भास्कर....आर आस राणा)

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