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06 फ़रवरी 2010

मक्के के दाम में बढ़ोतरी से स्टार्च 10 प्रतिशत महंगा

अहमदाबाद February 06, 2010
टापियोका स्टॉर्च की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के बाद मक्के के स्टार्च की कीमतों में भी अब तेजी शुरू हो गई है।
2009-10 में मक्के के उत्पादन में कमी के अनुमान और चीनी की कीमतों मे तेजी की वजह से भी स्टार्च की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। स्टार्च की कीमतों में दिसंबर के बाद से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है।
स्टॉर्च की कीमतों में बढ़ोतरी से स्टार्च उत्पादकों का मुनाफा भी सुधरा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान अनिल प्रोडक्ट्स लिमिटेड, गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट लिमिटेड और रिध्दि-सिध्दि ग्लूको बायोल्स लिमिटेड को निचले स्तर के बाद से फायदा होने लगा।
अनिल प्रोडक्ट्स के एमडी अमोल सेठ ने कहा, 'जहां तक अनिल प्रोडक्ट्स का मामला है, हमारा मुनाफा विविधीकरण के चलते बढ़ा है। बहरहाल मक्के का वर्तमान परिदृष्य देखते हुए हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस तिमाही में मुनाफे में बढ़ोतरी होगी।'
वर्तमान में मक्के के स्टार्च की कीमतें बढ़कर 22,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई हैं, जो दिसंबर 2009 में 20,000 रुपये प्रति टन था। मक्के के स्टॉर्च की कीमतों में तेजी के लिए जानकार कई कारण मानते हैं। इसमें टापियोका स्टार्च की कीमतों में बढ़ोतरी, चीनी की कीमतों में तेजी और इस साल मक्के के उत्पादन में कमी का अनुमान प्रमुख है।
खाद्य और गोंद उद्योग जैसे टापियोका और मक्के के स्टार्च का उपयोग करने वाले उद्योग इस जिंस के बाजार भाव पर निर्भर होते हैं। टापियोका स्टार्च की कीमतें इस समय 33,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच चुकी हैं, जबकि मई-जून 2009 में इसकी कीमतें 18,000 से 22,000 रुपये प्रति टन थीं। (बीएस हिन्दी)

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