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18 अगस्त 2008

ग्लोबल लेवल पर चीनी की सप्लाई में कमी की आशंका

लंदन : दुनिया में भरपूर मात्रा में चीनी का भंडार भले ही हो, पर ग्लोबल लेवल पर सप्लाई की स्थिति कमजोर रहने की आशंका है। ब्राजील में खराब फसल और भारत में उत्पादन कमजोर रहने से अगले साल सप्लाई प्रभावित हो सकती है। इससे चीनी की कीमतें बढ़ सकती हैं।

अंतरराष्ट्रीय चीनी संगठन (आईएसओ) के आकलन के मुताबिक सितंबर के अंत तक 7 करोड़ टन चीनी का भंडार होगा। पिछले साल की तुलना में यह 80-90 लाख टन ज्यादा है। आईएसओ के शुरुआती आकलन के मुताबिक सितंबर 2009 तक भंडार में 20-30 लाख टन की कमी आ सकती है, हालांकि बड़े भंडार के बावजूद ब्राजील और चीनी में उत्पादन कमजोर रहने से चीनी की कीमतों में तेजी आ सकती है।

वजह साफ है, मांग की तुलना में सप्लाई कमजोर रहेगी। भारी बारिश होने से इस साल ब्राजील में गन्ने की गुणवत्ता अच्छी नहीं है और मिल इसका इस्तेमाल इथनॉल के उत्पादन में कर रही हैं। कम उत्पादन की आशंका से दुनिया का दूसरा सबसे बड़े उत्पादक और उपभोक्ता देश भारत निर्यातक से आयातक भी बन सकता है।

इस साल बेंचमार्क कच्ची चीनी के वायदा भाव में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रायटर्स के मुताबिक इस साल चीनी बाजार में तेजी रहेगी। इसके मुताबिक इस साल के अंत तक साल दर साल वायदा भाव में 38 फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है। उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में मांग बढ़ने, मांग की तुलना में कमजोर सप्लाई और एथनॉल उत्पादन में गन्ने का इस्तेमाल बढ़ने से चीनी में यह तेजी आएगी।

आईएसओ के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सर्जेई गुडोशनिकोव ने बताया, 'अगले साल उत्पादन अच्छा नहीं रहेगा। इसमें भारत को लेकर सबसे अधिक चिंताएं हैं। यहां उपलब्ध अतिरिक्त भंडार वैश्विक बाजार में आता है या नहीं, यह सबसे बड़ी बात होगी।' भारत ने पिछले साल 2.84 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया था, लेकिन 2008-09 में चीनी के उत्पादन में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। ...ET Hindi

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