एजेंसियां / नई दिल्ली August 26, 2008
जिंस बाजार में बढ़ते व्यवसाय के बीच वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को उम्मीद है कि रबर, सोया तेल, आलू और चना का वायदा कारोबार अगले महीने से शुरू हो जाएगा।
इन चार जिंसों के वायदा कारोबार पर सरकार ने चार महीने की रोक लगाई थी। मई से लागू पाबंदी की अवधि छह सितंबर को समाप्त हो रही है। एफएमसी के अध्यक्ष बी सी खटुआ ने कहा - मुझे उम्मीद है कि चार जिंसों के रोक की समय सीमा का विस्तार नहीं होगा। हमने पहले ही स्थिति का विवरण देते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेजी है। विशेषज्ञ ने कहा कि चूंकि वामपंथी दलों ने यूपीए गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया है, ऐसे में अगर रबर, सोया तेल, आलू और चना के वायदा कारोबार को शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो सरकार को कोई विरोध नहीं झेलना होगा। उन्होंने बताया कि तात्कालिक प्रतिबंध को इसलिए लागू किया गया क्योंकि वामपंथी दल सभी आवश्यक वस्तुओं के वायदा कारोबार के विरोध में थे।सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि हम इस माह के उत्तरार्ध में वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध की समीक्षा करेंगे। हम खरीफ सत्र के फसल स्थिति के बारे में तथा अगले कुछ महीनों में कीमतों के संभावित रुख के बारे में ध्यान देंगे।वायदा कारोबार और कीमत वृध्दि के बीच संबंध की जांच के लिए गठित अभिजित सेन समिति ने अपनी रिपोर्ट में अपर्याप्त साक्ष्य के अभाव में जिंस वायदा पर प्रतिबंध की सिफारिश नहीं की। गेहूं, चावल, उड़द और अरहर में वायदा कारोबार पाबंदी लगाए जाने केबाद पिछले वर्ष सेन समिति का गठन किया गया था। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें