अहमदाबाद August 26, 2008
बारिश में विलंब और अरंडी पर पिछले साल मिला बेहतर प्रतिफल से इस साल गुजरात में इसकी खेती के क्षेत्र में इजाफा हो सकता है।
राज्य के कृषि विभाग का अनुमान है कि अरंडी की खेती का क्षेत्र चालू खरीब सीजन के दौरान बढ़ कर 3.5 लाख हेक्टेयर हो जाएगा जबकि उद्योग और कारोबारियों का मानना है कि अरंडी के खेती का रकबा 3.5 लाख हेक्टेयर से अधिक होगा जो साल 2007-08 के 3.14 लाख हेक्टेयर से अधिक होगा।जून और जुलाई महीने में गुजरात में अनियमित बारिश हुई थी, यही वह समय होता है जब खरीफ फसल की बुआई की जाती है। आमतौर पर अरंडी की बुआई अगस्त महीने से शुरू होती है और मॉनसून के एक बार फिर जोर पकड़ने से इस महीने अच्छी बारिश हुई है। गुजरात सरकार के कृषि निदेशक एस आर चौधरी ने कहा, 'इस महीने हुई पर्याप्त वर्षा ने राज्य में अरंडी की बुआई और उत्पादन का भविष्य प्रशस्त किया है।' साल 2007-08 में 3.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अरंडी की खेती की गई थी। इस साल अभी तक 2.78 लाख क्षेत्र में अरंडी की बुआई हो चुकी है।अरंडी की बुआई अभी भी चल रही है और उत्तरी गुजरात में एक बड़े क्षेत्र में अभी अरंडी की बुआई होनी है। चौधरी ने कहा कि सरकार का अनुमान के अनुसार वर्ष 2008-09 में अरंडी की खेती का रकबा 3.50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा। इस साल अरंडी की कीमत 680 रुपये प्रति 20 किलो के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। बेहतर प्रतिफल के कारण इस साल बहुत सारे किसान अरंडी की खेती के लिए आकर्षित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त विलंबित बारिश किसानों के वरदान साबित हुई हैं क्योंकि जब बारिश में देरी होती है तो किसान अरंडी की खेती का रुख करते हैं। अहमदाबाद कमोडिटी एक्सचेंज के प्रेसिडेंट प्रवीण ठक्कर ने कहा, 'गुजरात में अरंडी की खेती के क्षेत्र में इस साल 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।'उद्योग से जुड़े लोग और अरंडी के बीज के कारोबारियों का अनुमान है कि अरंडी गुजरात में इस साल अरंडी की खेती के क्षेत्र में लगभग 20 प्रतिशत का इजाफा होगा। सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) से उपलब्ध आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2007-08 में लगभग 3.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अरंडी की खेती की गई थी और अरंडी के बीजों का कुल उत्पादन 6.51 लाख टन का था, इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, 'देश भर में अभी तक अरंडी की बुआई अपेक्षाकृत कम रही है लेकिन अगस्त में हुई पर्याप्त वर्षा से इसमें तेजी आने के आसार हैं।' एसईए के अरंडी की फसल के सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2007-08 में भारत में कुल 7.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अरंडी की खेती की गई थी और कुल उत्पादन 9.10 लाख टन हुआ था। इस साल उद्योग का अनुमान है कि उत्पादन 10.50 लाख टन हो सकता है। (BS Hindi)
बारिश में विलंब और अरंडी पर पिछले साल मिला बेहतर प्रतिफल से इस साल गुजरात में इसकी खेती के क्षेत्र में इजाफा हो सकता है।
राज्य के कृषि विभाग का अनुमान है कि अरंडी की खेती का क्षेत्र चालू खरीब सीजन के दौरान बढ़ कर 3.5 लाख हेक्टेयर हो जाएगा जबकि उद्योग और कारोबारियों का मानना है कि अरंडी के खेती का रकबा 3.5 लाख हेक्टेयर से अधिक होगा जो साल 2007-08 के 3.14 लाख हेक्टेयर से अधिक होगा।जून और जुलाई महीने में गुजरात में अनियमित बारिश हुई थी, यही वह समय होता है जब खरीफ फसल की बुआई की जाती है। आमतौर पर अरंडी की बुआई अगस्त महीने से शुरू होती है और मॉनसून के एक बार फिर जोर पकड़ने से इस महीने अच्छी बारिश हुई है। गुजरात सरकार के कृषि निदेशक एस आर चौधरी ने कहा, 'इस महीने हुई पर्याप्त वर्षा ने राज्य में अरंडी की बुआई और उत्पादन का भविष्य प्रशस्त किया है।' साल 2007-08 में 3.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अरंडी की खेती की गई थी। इस साल अभी तक 2.78 लाख क्षेत्र में अरंडी की बुआई हो चुकी है।अरंडी की बुआई अभी भी चल रही है और उत्तरी गुजरात में एक बड़े क्षेत्र में अभी अरंडी की बुआई होनी है। चौधरी ने कहा कि सरकार का अनुमान के अनुसार वर्ष 2008-09 में अरंडी की खेती का रकबा 3.50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा। इस साल अरंडी की कीमत 680 रुपये प्रति 20 किलो के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। बेहतर प्रतिफल के कारण इस साल बहुत सारे किसान अरंडी की खेती के लिए आकर्षित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त विलंबित बारिश किसानों के वरदान साबित हुई हैं क्योंकि जब बारिश में देरी होती है तो किसान अरंडी की खेती का रुख करते हैं। अहमदाबाद कमोडिटी एक्सचेंज के प्रेसिडेंट प्रवीण ठक्कर ने कहा, 'गुजरात में अरंडी की खेती के क्षेत्र में इस साल 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।'उद्योग से जुड़े लोग और अरंडी के बीज के कारोबारियों का अनुमान है कि अरंडी गुजरात में इस साल अरंडी की खेती के क्षेत्र में लगभग 20 प्रतिशत का इजाफा होगा। सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) से उपलब्ध आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2007-08 में लगभग 3.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अरंडी की खेती की गई थी और अरंडी के बीजों का कुल उत्पादन 6.51 लाख टन का था, इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, 'देश भर में अभी तक अरंडी की बुआई अपेक्षाकृत कम रही है लेकिन अगस्त में हुई पर्याप्त वर्षा से इसमें तेजी आने के आसार हैं।' एसईए के अरंडी की फसल के सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2007-08 में भारत में कुल 7.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अरंडी की खेती की गई थी और कुल उत्पादन 9.10 लाख टन हुआ था। इस साल उद्योग का अनुमान है कि उत्पादन 10.50 लाख टन हो सकता है। (BS Hindi)
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