सिंगापुर। आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियान नेशंस) और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद दीर्घ अवधि में इंडोनेशिया से भारत को क्रूड पाम तेल का निर्यात बढ़ेगा। यह उम्मीद इंडोनेशिया की व्यापार मंत्री मारी पांगेस्तु ने जाहिर की। मु्क्त व्यापार समझौते को इस साल के अंत तक मंजूरी मिल सकती है।पांगेस्तु ने कहा कि निर्यातकों के लिए समझौते के बाद ज्यादा निश्चित माहौल होगा। आयात शुल्क कम होगा। 60 फीसदी आयात शुल्क जैसी स्थिति वापस नहीं आएगी। इंडोनेशिया दस सदस्यों वाले आसियान का सदस्य है। वह पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। इंडोनेशिया को कुल निर्यात करीब दस फीसदी (लगभग 50 करोड़ टन) पाम तेल भारत को निर्यात करता है। वह पाकिस्तान, चीन और अमेरिका को भी पाम तेल निर्यात करता है।मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत अगले दस सालों में आशियान देशों के लिए 96 प्रतिशत वस्तुओं का बाजार खोल देगा। लेकिन भारत 480 वस्तुओं को डयूटी के लिहाज से सुरक्षित रखेगा। इनमें संवेदनशील कृषि वस्तुएं और आटो कंपोनेंट जैसी औद्योगिक वस्तुएं शामिल हैं। अगले दिसंबर में बैंकाक में होने वाली भारत-आसियान बैठक में समझौते को मंजूरी मिलेगा। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भाग लेंगे।गौरतलब है कि इंडोनेशिया पाम तेल के भारत में ज्यादा निर्यात के लिए डयूटी में कटौती चाहता है। भारत ने 2018 तक पाम तेल पर डयूटी 90 से घटाकर 60 फीसदी और क्रूड पाम तेल पर 80 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी करने पर सहमति दी थी। इंडोनेशिया डयूटी घटाकर इन दोनों वस्तुओं पर क्रमश: 40 व 30 फीसदी तय करने की मांग कर रहा है। उसे उम्मीद है कि आसियान के साथ समझौते के बात यह मुद्दा सुलझ जाएगा। भारत में पाम तेल पर डयूटी 400 डॉलर प्रति टन से भी कम निर्धारित दर पर ही लग रही है। ऐसे में दस फीसदी डयूटी भी मौजूदा करीब 800 डालर प्रति टन के भाव पर बहुत कम बैठती है। (Business Bhaskar)
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