एजेंसियां / नई दिल्ली August 20, 2008 ! भारत के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2007-08 में 38 प्रतिशत बढ़कर 28,906 करोड़ रुपये हो गया, जिसका मुख्य कारण मोटे अनाज के लदान में महत्वपूर्ण वृध्दि है।
ताजा सरकारी आंकड़े में यह जानकारी दी गई है। सरकार के कृषि व्यापार संवर्धन इकाई एपीडा के अनुसार देश का कृषि उत्पाद निर्यात पिछले वर्ष 20,986 करोड़ रुपये का हुआ। इस दौरान मक्का, ज्वार और जौ जैसे मोटे अनाज के निर्यात में महत्वपूर्ण वृध्दि हुई है।
चावल और गेहूं को छोड़कर शेष अनाज का निर्यात पांच गुना बढ़कर वर्ष 2007-08 में 2,979 करोड़ रुपये हो गया, जो 2006-07 के अप्रैल-मार्च की अवधि में 599 करोड़ रुपये था। एपीडा के अधिकारियों ने बताया कि मूल्य के स्तर पर निर्यात में वृध्दि भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले वर्ष रुपये में तेजी थी।
2006-07 में 45.23 रुपये प्रति डॉलर और 2007-08 में 40.46 रुपये प्रति डॉलर के हिसाब से निर्यात का आंकड़ा तय किया गया है। गैर बासमती चावल का निर्यात 4,243 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,396 करोड़ रुपये हो गया।
मात्रा के हिसाब से लदान वर्ष 2006-07 के 37.02 लाख टन से बढ़कर 53.14 लाख टन हो गया। बासमती खंड में निर्यात 2,792 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,334 करोड़ रुपये हो गया। मूल्य के हिसाब से निर्यात 11.81 लाख टन हो गया, जो पहले 10.45 लाख टन था। ...BS Hindi
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें