ब्लूमबर्ग / August 27, 2008
विश्व के दूसरे सबसे बड़े कपास उत्पादक भारत में कपास का उत्पादन अनुमान से कहीं ज्यादा रहने की उम्मीद है। ऐसा कपास उत्पादन के मुख्य गढ़ में हाल ही में हुई बारिश से हुआ है।
इससे कपास का उत्पादन सुधरने की उम्मीद तो है ही कपास की वैश्विक कीमतें भी कम होने की गुजांइश है। देश में कपास के रेशे का सबसे बड़ा खरीदार कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने जुलाई में कहा कि जून में घोषित कपास के उत्पादन अनुमान 3.5 करोड़ बेल (1 बेल = 170 किलोग्राम) से 10 फीसदी कम यानी 3.15 करोड़ बेल्स उत्पादन होगा।ऐसा इसलिए कि जारी सीजन में कम बारिश की वजह से किसानों ने कम कपास बोये हैं। लेकिन अब कहा जा रहा है कि कपास का उत्पादन जुलाई में घोषित अनुमान से कहीं ज्यादा होगा। ग्रोवर ने अनुमान जताया कि इस साल कपास का उत्पादन अनुमान से तकरीबन 60 लाख बेल अधिक रहेगा।अच्छी बारिश के चलते जुलाई महीने में घोषित कपास के वैश्विक उत्पादन अनुमान से भी 78 हजार टन ज्यादा कपास पैदा किए जाने की उम्मीद अब जतायी जा रही है। कार्वी कॉमट्रेड के जी. हरीश ने बताया कि हमलोग सोच रहे थे कि सूखे मौसम के चलते कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रहेगा। पर अब मौसम में सुधार हुआ है।उनके मुताबिक अनुमान है कि बेहतर मौसम होने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग के अनुसार, कपास के मुख्य उत्पादन राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र में 24 जुलाई से 13 अगस्त के बीच औसत या औसत से अधिक बारिश हुई। गुजरात के कृषि निदेशक एस. आर. चौधरी ने बताया कि उनके राज्य में कपास की स्थिति काफी बेहतर है।पिछले साल की तुलना में केवल उत्पादन ही नहीं बल्कि उत्पादकता भी सुधरने की उम्मीद है। अमेरिका के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कपास निर्यातक देश के बारे में कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि इस महीने की 22 तारीख तक किसानों ने लगभग 86 लाख हेक्टेयर भूमि में कपास लगाया है। हालांकि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस बार लगभग 5 फीसदी कम रकबे में कपास बोया गया है। ग्रोवर ने कहा कि भले ही पिछले साल की तुलना में रकबे में थोड़ी कमी हुई है पर किसानों ने इस बार काफी अच्छे बीज लगाए हैं। लिहाजा उत्पादकता पिछले साल की तुलना में सुधरने की उम्मीद जतायी जा रही है। उनके मुताबिक, बेहतर उत्पादकता रकबे में गिरावट से होने वाले नुकसान को पाट देगी।साथ ही उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े कपास उपभोक्ता चीन में कपास की मांग में अगले साल कमी होने की उम्मीद जतायी। वैसे अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक, 1 अगस्त से शुरू हुए नए सीजन के दौरान चीन में कपास उत्पादन 3.55 करोड़ बेल रहेगा। इस तरह, अभी बीते सीजन की तुलना में उत्पादन में 3 लाख बेल की कमी होने का अनुमान है। (BS Hindi)
विश्व के दूसरे सबसे बड़े कपास उत्पादक भारत में कपास का उत्पादन अनुमान से कहीं ज्यादा रहने की उम्मीद है। ऐसा कपास उत्पादन के मुख्य गढ़ में हाल ही में हुई बारिश से हुआ है।
इससे कपास का उत्पादन सुधरने की उम्मीद तो है ही कपास की वैश्विक कीमतें भी कम होने की गुजांइश है। देश में कपास के रेशे का सबसे बड़ा खरीदार कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने जुलाई में कहा कि जून में घोषित कपास के उत्पादन अनुमान 3.5 करोड़ बेल (1 बेल = 170 किलोग्राम) से 10 फीसदी कम यानी 3.15 करोड़ बेल्स उत्पादन होगा।ऐसा इसलिए कि जारी सीजन में कम बारिश की वजह से किसानों ने कम कपास बोये हैं। लेकिन अब कहा जा रहा है कि कपास का उत्पादन जुलाई में घोषित अनुमान से कहीं ज्यादा होगा। ग्रोवर ने अनुमान जताया कि इस साल कपास का उत्पादन अनुमान से तकरीबन 60 लाख बेल अधिक रहेगा।अच्छी बारिश के चलते जुलाई महीने में घोषित कपास के वैश्विक उत्पादन अनुमान से भी 78 हजार टन ज्यादा कपास पैदा किए जाने की उम्मीद अब जतायी जा रही है। कार्वी कॉमट्रेड के जी. हरीश ने बताया कि हमलोग सोच रहे थे कि सूखे मौसम के चलते कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रहेगा। पर अब मौसम में सुधार हुआ है।उनके मुताबिक अनुमान है कि बेहतर मौसम होने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग के अनुसार, कपास के मुख्य उत्पादन राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र में 24 जुलाई से 13 अगस्त के बीच औसत या औसत से अधिक बारिश हुई। गुजरात के कृषि निदेशक एस. आर. चौधरी ने बताया कि उनके राज्य में कपास की स्थिति काफी बेहतर है।पिछले साल की तुलना में केवल उत्पादन ही नहीं बल्कि उत्पादकता भी सुधरने की उम्मीद है। अमेरिका के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कपास निर्यातक देश के बारे में कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि इस महीने की 22 तारीख तक किसानों ने लगभग 86 लाख हेक्टेयर भूमि में कपास लगाया है। हालांकि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस बार लगभग 5 फीसदी कम रकबे में कपास बोया गया है। ग्रोवर ने कहा कि भले ही पिछले साल की तुलना में रकबे में थोड़ी कमी हुई है पर किसानों ने इस बार काफी अच्छे बीज लगाए हैं। लिहाजा उत्पादकता पिछले साल की तुलना में सुधरने की उम्मीद जतायी जा रही है। उनके मुताबिक, बेहतर उत्पादकता रकबे में गिरावट से होने वाले नुकसान को पाट देगी।साथ ही उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े कपास उपभोक्ता चीन में कपास की मांग में अगले साल कमी होने की उम्मीद जतायी। वैसे अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक, 1 अगस्त से शुरू हुए नए सीजन के दौरान चीन में कपास उत्पादन 3.55 करोड़ बेल रहेगा। इस तरह, अभी बीते सीजन की तुलना में उत्पादन में 3 लाख बेल की कमी होने का अनुमान है। (BS Hindi)
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