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20 अगस्त 2008

आपूर्ति डेटा से पहले कच्चा तेल मजबूत

नई दिल्ली : ग्लोबल लेवल पर आपूर्ति में कमी की आशंका और डॉलर में कमजोरी के मद्देनजर ग्लोबल मार्केट्स में क्रूड की कीमतों में लगातार तीन कारोबारी सेशन की गिरावट के बाद तेजी दर्ज की गई।

न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नाइमेक्स) में मंगलवार को क्रूड का सितंबर वायदा 1.66 डॉलर यानी 1.5 पर्सेंट बढकर 114.53 डॉलर प्रति बैरल बंद हुआ। इससे पहले डॉलर में मजबूती को लेकर कारोबार के दौरान यह 112 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर तक गया।

डॉलर में मजबूती के साथ -साथ ग्लोबल लेवल पर आपूर्ति में कमी तथा जार्जिया और इरान में जारी जियो पॉलिटिकल तनाव से क्रूड की कीमतों में तेजी आई है।

मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार शार्ट -टर्म में तेजी के बावजूद कच्चा तेल आने वाले समय में सौ डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर तक जा सकता है।

निवेशकों को फिलहाल 15 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह के लिए अमेरिकी ऊर्जा मंत्रालय से जारी होने वाले पेट्रोलियम के सप्लाई आंकड़ों पर होगी। एक्सपर्ट्स संभावना जता रहे हैं कि इस दौरान क्रूड, गैसोलिन और डीजल की आपूर्ति में क्रमश: 11 लाख, 36 लाख और 9 लाख बैरल की कमी आ सकती है।

उधर, फॉरेक्स मार्केट में मंगलवार को डॉलर में कमजोरी आई। इसकी वजह अमेरिकी लेबर और कॉमर्स डिपार्टमेंट के पीपीआई और होम बिल्डिंग आंकड़ों रहे। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के सदस्य देश वेनेजुएला के इस बयान कि अगर तेल की कीमतों में नरमी जारी रही तो उनका देश ओपेक से आपूर्ति में कमी की सिफारिश करेगा। दूसरी ओर ट्रॉपिकल तूफान फे के तेल की आपूर्ति पर असर की आशंका तकरीबन समाप्त हो गई है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरोपीय यूनियन के 15 देशों, चीन और प्रमुख एशियाई देशों भारत, जापान और कोरिया में इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट में कमी के चलते तेल की कीमतों पर फंडामेंटली दबाव बना हुआ है।

उधर, तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने ग्लोबल मंदी के मद्देनजर कच्चे तेल की मांग में और कमी की आशंका जताई है। अपने मासिक रिपोर्ट में ओपेक ने कहा है कि मांग में कमी के चलते कच्चे तेल के स्टाक में और बढोतरी कीसंभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

रिपोर्ट के मुताबिक ओपेक देशों के तेल की मांग में साल 2009 के दौरान प्रति दिन 7लाख बैरल तक की कमी आ सकती है। साल 2002 के बाद से ओपेक देशों के तेल की मांग में यह सबसे बड़ी कमी होगी। ...ET Hindi

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