नई दिल्ली : सरकार ने देश के कमोडिटी एक्सचेंजों को 30 जून 2009 तक फॉरन इक्विटी को घटाकर 49 फीसदी तक करने का निर्देश दिया है। कमोडिटी एक्सचेंजों में विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा 49 फीसदी तय की गई है।
कमोडिटी एक्सचेंजों में विदेशी निवेश के लिए तैयार गाइडलाइंस के मुताबिक, ऐसे निवेश की अधिकतम सीमा 49 फीसदी है, जिनमें पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के जरिए 26 फीसदी निवेश की इजाजत है।
हालांकि, कई कमोडिटी एक्सचेंजों ने इस बाबत तय सीमा से ज्यादा विदेशी निवेश कर रखा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कमोडिटी एक्सचेंजों तय सीमा से ज्यादा विदेशी निवेश को जल्द से जल्द हटाएं। ऐसा नहीं करने पर एक्सचेंजों के खिलाफ फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट. 1999 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बयान में आगे कहा गया है कि कमोडिटी एक्सचेंजों द्वारा इस बाबत उठाए गए कदमों की रिपोर्ट डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन, डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यमूर अफेयर्स, फॉरन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड, फॉरवर्ड मार्केट कमिशन और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) को देनी होगी। ET Hindi
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