एजेंसियां / नई दिल्ली August 29, 2008
धान के रकबे में वृध्दि को देखते हुए भारत का चावल उत्पादन इस कृषि वर्ष में पिछले वर्ष के 9.64 करोड़ टन के रेकॉर्ड उत्पादन के स्तर को लांघ सकता है, जबकि कुछ उत्पादक क्षेत्रों में बाढ़ के कारण खरीफ फसल प्रभावित हुई है।
कृषि अनुसंधान विभाग (डीएआरई) में सचिव मंगला राय कहा - रकबे और फसल की स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि चावल उत्पादन इस साल रेकॉर्ड स्तर को छू सकता है। ऐसा इस तथ्य के बावजूद होगा कि बाढ़ के कारण कुछ क्षेत्रों में फसल की स्थिति प्रभावित हुई है। यहां एक सम्मेलन के मौके पर उन्होंने कहा कि सितंबर में पर्याप्त बारिश तथा कीटों के खिलाफ निगरानी भी बम्पर फसल में अपना योगदान देगी। राय ने उत्पादन की मात्रा में बढ़ोतरी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। जिसके बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा करना फिलहाल मुश्किल है। इस अवधि में चावल और सोयाबीन का क्षेत्रफल लगभग सात प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि चालू खरीफ सत्र में 22 अगस्त तक मक्का, गन्ना, अरहर और कपास सहित दस महत्वपूर्ण फसलों का क्षेत्रफल लगभग 24 प्रतिशत तक घटा है। राय ने कहा कि बाढ़ के कारण बिहार में मक्का उत्पादन में कमी को भी पूरा किया जा सकता है बशर्ते कि किसान सिंगल क्रॉस हाइब्रिड (उच्च गुणवत्ता वाले) बीजों का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल करें। इससे उत्पादकता में करीब 50 फीसदी की वृध्दि होगी। राय ने कहा, फसल की कुल स्थिति बेहतर दिखाई पड़ रही है बावजूद इसके कि देश के कुछ हिस्से में सूखे की स्थिति है तथा कुछ हिस्से में बाढ़ जैसी स्थिति है। उन्होंने कहा, इसके अलावा खाद्य तेलों की उपलब्धता प्रभावित नहीं होगी। हालांकि कुछ क्षेत्रों में फसल प्रभावित हुई हैं। भारत सालाना करीब 75 लाख टन खाद्य तेल का आयात करता है। (Business Standard)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें