नई दिल्ली। महंगाई के खिलाफ जारी जंग की कवायद के तहत केंद्र सरकार जल्दी ही राज्यों के लिए गेहूं जारी कर सकता है। खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत आने वाले दो सप्ताह में करीब 4-5 लाख टन गेहूं जारी होने की उम्मीद है। हालांकि फ्लोर मिलों को सरकारी गेहूं हासिल करने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक खुले बाजार में बिक्री योजना के लिए सरकार चार से पांच लाख टन गेहूं राज्यों को जारी करने पर विचार कर रही है। अगले दो सप्ताहों में कुछ चुनिंदा राज्यों में गेहूं का स्टॉक पहुंच जाएगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस पूरी योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। राज्य सरकारों के सहयोग से ही संबधित राज्यों में केंद्र गेहूं बेच सकेगा। हालांकि अभी फ्लोर मिलों को सरकारी गेहूं के लिए और इंतजार करना पड़ा सकता है। खुले बाजार की तरह केंद्र ने फ्लोर मिलों को भी गेहूं बेचने की घोषणा की है। इसके तहत एफसीआई द्वारा फ्लोर मिलों को सस्ते में गेहूं उपलब्ध कराएगा। मौजूदा समय में गेहूं की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। लिहाजा सरकार फ्लोर मिलों को गेहूं देने में कुछ देरी कर सकती है। सूत्रों का मानना है कि इसके बावजूद केंद्र सरकार कीमतों पर बराबर नजर रखे हुए है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना को हरी झंडी दे दी थी। इस योजना के तहत राशन की दुकानों के जरिए खुदरा में गेहूं बेचा जाएगा। एफसीआई बोली के जरिए गेहूं बेचेगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार इस योजना की शुरूआत दक्षिण भारतीय राज्यों से कर सकती है। केंद्र ने इन राज्यों में कीमतों को लेकर सर्वे किया था। माना यह जा रहा है कि उत्पादक क्षेत्रों से बाहर के राज्यों में गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। मौजूदा समय में सचिवों की एक समिति गेहूं की कीमतों की निगरानी कर रही है। इस योजना के शुरू हो जाने के बाद भी कीमतों पर निगरानी जारी रहेगी। देश के विभिन्न हिस्सों में गेहूं की कीमतों और योजना को लेकर बुधवार को समिति की बैठक होने वाली है। जिसमें योजना के शुरू होने की तारीख भी तय होने की उम्मीद है। (Business Bhaskar)
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