नई दिल्ली August 20, 2008 ! भारत ने दो जिंसों गैर-बासमती चावल और मक्के के बीज का निर्यात करने की अनुमति दे दी है। सरकार ने इसके निर्यात पर पाबंदी लगा रखी थी।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इन बीज के पैकेट पर साफ-साफ लिखा होगा कि ये मानव उपभोग के लायक नहीं हैं। बयान में कहा गया है कि पैकेट पर यह भी लिखा होगा कि इन बीजों में केमिकल मिला हुआ है, लिहाजा यह न तो मानव के उपभोग के काबिल है और न ही इसका इस्तेमाल चारे के रूप में किया जा सकता है।
महंगाई की ऊंची दर को काबू में करने के लिए भारत सरकार ने मक्का और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। सरकार का कहना है कि निर्यात पाबंदी से देसी बाजार में इसकी आपूर्ति बनी रहेगी, लिहाजा कीमत में बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं होगी।
वैसे गेहूं की जोरदार फसल और चावल की अच्छी पैदावार की उम्मीद से जाहिर हो रहा है कि सरकार निर्यात आदि पर लगाई गई पाबंदी में जल्दी ही थोड़ी-बहुत छूट दे देगी। कारोबारियों का कहना है कि सरकार के इन कदमों के बाद यह कहना जल्दबाजी होगी कि सरकार गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाई गई पाबंदी हटा लेगी।
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट विजय सेठिया ने कहा कि सरकार ने निर्यात पर लगाई गई पाबंदी हटाने की बाबत कोई फैसला नहीं लिया है। कृषि मंत्रालय ने कहा है कि गैर-बासमती चावल पर निर्यात पाबंदी नवंबर तक जारी रहेगी। मंत्रालय का कहना है कि उस समय तक खरीफ फसल की पैदावार की सही तस्वीर सामने आ जाएगी। ..BS Hindi
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