नई दिल्ली, 27 अगस्त। महाराष्ट्र व कर्नाटक में मूंग की नई फसल की आवकें शुरू हो गई हैं तथा उम्मीद की जा रही है सितम्बर माह के मध्य तक महाराष्ट्र, कर्नाटक में तो आवकों का दबाव बनेगा ही साथ ही अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, आंध्रप्रदेश, गुजरात व उत्तर प्रदेश में भी नई फसल की आवकें शुरू हो जायेंगी। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटक व आध्रप्रदेश में चालू फसल सीजन में इसके बिजाई क्षेत्रफल में कमी आई है जबकि राजस्थान व मध्यप्रदेश में बिजाई क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके परिणामस्वरूप आगामी दिनों में आवकों का दबाव बनने पर मूंग के मौजूदा भावों में 250 से 300 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में मूंग का उत्पादन गत वर्ष 3 लाख टन का हुआ था जबकि बीते वर्ष यहां इसकी बिजाई 6.93 लाख हैक्टेयर में हुई थी। चालू फसल सीजन में महाराष्ट्र में इसकी बिजाई 4.06 लाख हैक्टेयर में ही हुई है इसलिए यहां उत्पादन में कमी आयेगी। कर्नाटक में गत वर्ष मूंग की बिजाई 4.75 लाख हैक्टेयर में हुई थी जबकि चालू बिजाई सीजन में यहां इसकी बिजाई घटकर 2.00 लाख हैक्टेयर में हुई है। इसी तरह से आंध्रप्रदेश में इसकी बिजाई 2.49 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि गत वर्ष यहां इसकी बिजाई 3.07 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
ज्ञात हो कि खरीफ सीजन में देश में मूंग का उत्पादन 12 से 12.5 लाख टन का होता है। चालू खरीफ सीजन में देश में अभी तक इसकी बिजाई 22.91 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि गत वर्ष की समान अवधि में इसकी बिजाई 30.30 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सामान्यत: खरीफ सीजन में देश में मूंग की बिजाई 26.16 लाख हैक्टेयर में होती है। राजस्थान जोकि मूंग उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है यहां बिजाई क्षेत्रफल तो बढ़ा ही है साथ ही मौसम भी फसल के अनुकूल रहा है। अत: राजस्थान में चालू सीजन में इसका उत्पादन बढ़कर 5.5 से 6 लाख टन हो सकता है।
कर्नाटक की उत्पादक मंडियों में नई मूंग की दैनिक आवकें 2000 से 2500 बोरियों की हो रही है जबकि यहां इसके भाव 3200 से 3700 रूपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। उधर महाराष्ट्र की उत्पादक मंडियों में इसकी दैनिक आवकें 1000 से 1500 बोरियों की हो रही हैं तथा यहां इसके भाव 3000 से 3600 रूपये प्रति क्विंटल क्वालिटीअनुसार चल रहे हैं। केन्द्र सरकार ने हाल ही में नई फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2520 रूपये प्रति क्विंटल तय किया है। उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले कुछ कमी आ सकती है जबकि इस समय भारत में मूंग का करीब एक लाख क्विंटल का बकाया स्टॉक बताया जा रहा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार आयातित मूंग के भाव ऊंचे होने से नई फसल की आवकों का दबाव बनने के बावजूद भी इसके भाव एमएसपी से नीचे जाने के आसार नहीं हैं।
आयातित मूंग के भावों में पिछले चार-पांच माह में करीब 7 से 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। इस समय भारत जहां दलहन का डयूटी फ्री आयात कर रहा है वहीं निर्यात को मार्च 2009 तक बंद रखा है। मूंग का आयात मुख्यत: मयंमार से किया जाता हैं तथा वर्तमान में बर्मा पेडीशेवा वैरायटी के भाव 3100 रूपये व बर्मा अन्नासेवा वैरायटी के भाव 2800 से 2900 रूपये प्रति क्विंटल मुंम्बई पहुंच चल रहे हैं।
मयंमार में इस साल मूंग का उत्पादन 2.5 से 3.00 लाख टन होने की उम्मीद है जबकि वहां करीब एक लाख टन का बकाया स्टॉक बताया जा रहा है। भारत द्वारा दाल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमरीका व यूरोप आदि की मांग मयंमार से ही निकलेगी जिसे देखते हुए भविष्य में आयातित मूंग का भाव ऊंचा ही रह सकता है। (R S Rana)
इस खबर पर अपनी राय दें – rana@agriwatch.com
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में मूंग का उत्पादन गत वर्ष 3 लाख टन का हुआ था जबकि बीते वर्ष यहां इसकी बिजाई 6.93 लाख हैक्टेयर में हुई थी। चालू फसल सीजन में महाराष्ट्र में इसकी बिजाई 4.06 लाख हैक्टेयर में ही हुई है इसलिए यहां उत्पादन में कमी आयेगी। कर्नाटक में गत वर्ष मूंग की बिजाई 4.75 लाख हैक्टेयर में हुई थी जबकि चालू बिजाई सीजन में यहां इसकी बिजाई घटकर 2.00 लाख हैक्टेयर में हुई है। इसी तरह से आंध्रप्रदेश में इसकी बिजाई 2.49 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि गत वर्ष यहां इसकी बिजाई 3.07 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
ज्ञात हो कि खरीफ सीजन में देश में मूंग का उत्पादन 12 से 12.5 लाख टन का होता है। चालू खरीफ सीजन में देश में अभी तक इसकी बिजाई 22.91 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि गत वर्ष की समान अवधि में इसकी बिजाई 30.30 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सामान्यत: खरीफ सीजन में देश में मूंग की बिजाई 26.16 लाख हैक्टेयर में होती है। राजस्थान जोकि मूंग उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है यहां बिजाई क्षेत्रफल तो बढ़ा ही है साथ ही मौसम भी फसल के अनुकूल रहा है। अत: राजस्थान में चालू सीजन में इसका उत्पादन बढ़कर 5.5 से 6 लाख टन हो सकता है।
कर्नाटक की उत्पादक मंडियों में नई मूंग की दैनिक आवकें 2000 से 2500 बोरियों की हो रही है जबकि यहां इसके भाव 3200 से 3700 रूपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। उधर महाराष्ट्र की उत्पादक मंडियों में इसकी दैनिक आवकें 1000 से 1500 बोरियों की हो रही हैं तथा यहां इसके भाव 3000 से 3600 रूपये प्रति क्विंटल क्वालिटीअनुसार चल रहे हैं। केन्द्र सरकार ने हाल ही में नई फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2520 रूपये प्रति क्विंटल तय किया है। उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले कुछ कमी आ सकती है जबकि इस समय भारत में मूंग का करीब एक लाख क्विंटल का बकाया स्टॉक बताया जा रहा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार आयातित मूंग के भाव ऊंचे होने से नई फसल की आवकों का दबाव बनने के बावजूद भी इसके भाव एमएसपी से नीचे जाने के आसार नहीं हैं।
आयातित मूंग के भावों में पिछले चार-पांच माह में करीब 7 से 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। इस समय भारत जहां दलहन का डयूटी फ्री आयात कर रहा है वहीं निर्यात को मार्च 2009 तक बंद रखा है। मूंग का आयात मुख्यत: मयंमार से किया जाता हैं तथा वर्तमान में बर्मा पेडीशेवा वैरायटी के भाव 3100 रूपये व बर्मा अन्नासेवा वैरायटी के भाव 2800 से 2900 रूपये प्रति क्विंटल मुंम्बई पहुंच चल रहे हैं।
मयंमार में इस साल मूंग का उत्पादन 2.5 से 3.00 लाख टन होने की उम्मीद है जबकि वहां करीब एक लाख टन का बकाया स्टॉक बताया जा रहा है। भारत द्वारा दाल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमरीका व यूरोप आदि की मांग मयंमार से ही निकलेगी जिसे देखते हुए भविष्य में आयातित मूंग का भाव ऊंचा ही रह सकता है। (R S Rana)
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