मुंबई August 25, 2008 ! इस सप्ताह सोने की कीमतों के बढ़ने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक, सोने के कारोबारी अब पहले की तरह कम कीमत पर इसे बेचने को तैयार नहीं हैं।
खासकर तब जब दुनिया के सबसे बड़े कमोडिटी निवेश विशेषज्ञ जिम रोजर्स का मानना है कि कृषि और गैर-कृषि जिंसों में जल्द ही जोरदार तेजी आने वाली है।
रोजर्स के अनुसार, जिंसों की आपूर्ति में गुणात्मक वृद्धि किए बगैर मूल्यवृद्धि पर नियंत्रण पा पाना मुश्किल ही नहीं असंभव है। इस निवेश गुरु का कहना है कि भले ही मांग में कमी हो जाए या किसी देश की अर्थव्यवस्था टूट जाए, उत्पादन बढ़ाए बगैर कीमतों पर नियंत्रण कर पाना संभव नहीं है।
आने वाले दिनों में बाजार का यह हाल सर्राफा बाजार में तेजी लाएगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है। बॉम्बे बुलियन असोसियशन (बीबीए) के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने बताया कि सर्राफा बाजार में तेजी आने की एक और वजह जल्द ही देश में त्योहारों का शुरू होने वाला दौर है।
उन्होंने कहा कि इसी समय यहां शादी-विवाह का मौसम भी शुरू होता है। इसे देखते हुए सर्राफा कारोबारी अभी से सोने की जमकर जमाखोरी करने में जुटे हैं। उनके अनुसार, भारत में 12.5 किलोग्राम वाले सोने के बिस्कुट की बजाय 1 किलोग्राम और 100 ग्राम के बिस्कुट खरीदे जाते हैं।
इसका असर यह हुआ कि बाजार में इस समय 1 किलोग्राम और 100 ग्राम वाले बिस्कुटों की आपूर्ति सख्त हो चुकी है।
शनिवार को लंदन मेटल एक्सचेंज में सोना 1 फीसदी की कमी के साथ 829.50 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। जबकि न्यू यॉर्क मकर्टाइल एक्सचेंज में दिसंबर महीने के वायदा में 0.5 फीसदी की कमी आयी और यह 834.70 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया।
हालांकि पिछले हफ्ते की तुलना में इसमें 3.5 फीसदी या 27.76 डॉलर की मजबूती आ चुकी है। मुंबई के हाजिर सर्राफा बाजार में स्टैंडर्ड सोने में 400 रुपये यानी 3.5 फीसदी की मजबूती आयी और यह
11,810 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया।
वहीं शुद्ध सोने में 410 रुपये की मजबूती आयी और यह 11,880 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एमसीएक्स में अप्रैल 2009 का अनुबंध 2.60 फीसदी के साथ 12,136 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
साल 2008 के बीते सात महीने सोना कारोबार के लिए सुस्ती के दिन रहे लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अगस्त में इसमें तेजी आएगी।
अभी पूरा अगस्त बीता भी नहीं कि इस महीने में 65 टन सोने का आयात हो चुका है। हालांकि पिछले साल अगस्त में कुल 74 टन सोने का आयात हुआ था। यह महीना सोने के लिए कितना बेहतरीन गुजरा है, इसे समझने के लिए इस साल जून और जुलाई का आयात आंकड़ा ही काफी है।
जून में जहां 23 टन सोने का आयात हुआ था, वहीं जुलाई में केवल 22 टन सोने का ही आयात किया गया। उम्मीद की जा रही है कि इस साल सोने की कुल खपत पिछले साल की खपत को पार कर जाएगी। गौरतलब है कि पिछले साल देश में 743 टन सोना बेचा गया था।
हुंडिया ने बताया कि इस साल सोने का भाव 10,800 से 11,800 रुपये के बीच रहने का अनुमान है। रेलीगेयर इंटरप्राइजेज के जयंत मांगलिक ने बताया कि सोने की कीमत महंगाई दर और वैश्विक राजनीतिक स्थिति से काफी प्रभावित होती है। राजनीतिक अस्थिरता से इसकी कीमतों में काफी बदलाव होता रहता है।
इसका असर यह होता है कि सोने का 'प्राइस रेंज' बड़े रेंज में मंडराता रहता है। पिछले साल यूरो की तुलना में डॉलर में जहां मजबूती देखी गयी थी, वहीं इस साल अन्य विदेशी मुद्राओं की तुलना में डॉलर का विनिमय दर बड़ा ही अस्थिर रहा है। (BS Hindi)
25 अगस्त 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें